निगम की अस्थायी अतिक्रमण रोधी दस्ते की प्रभारी श्वेता चौधरी ने बताया कि शहर में कई स्थानों पर बंद पड़े ठेले व केबिनों की आड़ में कब्जे की शिकायतें मिल रहीं थी। निगम की टीम ने सर्वे में करीब 300 से अधिक केबिनें ऐसी पाई जो काफी समय से बंद हैं।निगम प्रशासन ने चिन्हीकरण कर ऐसे केबिन ठेले हटाने शुरू कर दिए। मंगलवार को निगम की टीम ने नई चौपाटी, पुरानी चौपाटी, रीजनल कॉलेज, नगीना बाग व जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय के बाहर से ठेले जब्त किए गए।
चौधरी ने बताया कि कई ठेला संचालक स्थायी रूप से एक ही जगह खड़े होते हैं जिससे आवागमन बाधित हो रहा है। ठेला संचालकों की रसीद काटी जाती है जो उनके फेरी लगाने का लाइसेंस होता है। एक ही स्थान पर खड़े नहीं रह सकते है।
पत्रिका ने उठाया मुद्दा राजस्थान पत्रिका ने शहर में ठेलों के अतिक्रमण व बंद केबिनों के मुद्दे को लेकर प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किए थे। इसके बाद निगम प्रशासन हरकत में आया। निगम प्रशासन अब शहर को ठेला मुक्त करने के ध्येय से काम शुरू करेगा। इसके लिए वेंडिंग जोन के अतिरिक्त खड़े ठेले जब्त किए जाने की कार्रवाई तेज की जाएगी।