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अजमेर

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की मियाद खत्म, अधूरे पड़े हैं कई काम

-लेखा व कंसल्टेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों की कमी -कम अनुभवी अफसरों को कार्यवाहक प्रभार अजमेर. शहर में स्मार्ट सिटी परियोजना पर करीब 1 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाने के बावजूद प्रोजेक्ट के कई कार्य अब तक अधूरे हैं। परियोजना की मियाद 31 मार्च को पूरी होने के बाद अवधि विस्तार को कोई निर्देश नहीं […]

अजमेरMar 31, 2025 / 11:13 pm

Dilip

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-लेखा व कंसल्टेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों की कमी

-कम अनुभवी अफसरों को कार्यवाहक प्रभार

अजमेर. शहर में स्मार्ट सिटी परियोजना पर करीब 1 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाने के बावजूद प्रोजेक्ट के कई कार्य अब तक अधूरे हैं। परियोजना की मियाद 31 मार्च को पूरी होने के बाद अवधि विस्तार को कोई निर्देश नहीं हैं। हालांकि राज्य के स्तर पर इसके बजट और कामकाज को लेकर फैसला होगा।स्मार्ट सिटी के तहत बने कई भवनों का फिनिशिंग कार्य शेष होने व लोकार्पण नहीं होने से इनका उपयोग नहीं हो रहा। इमारतें बरसात के कारण और देखभाल की कमी से खराब होने लगी हैं। अस्पताल विंग, कलक्ट्रेट भवन, मेडिकल के काम अधूरे हैं। तकनीकी जानकारों के अनुसार चालू साल के अंत तक भी कई कार्य पूर्ण होना मुश्किल है।
अब आगे क्या, जबाव मांगते सवाल. . .परियोजना खत्म होने के बाद कौन करेगा कंसल्टेंसी

कंसल्टेंसी में बहुत कम अनुभव रखने वाले अभियंताकौन संभालेगा वित्त प्रबंधन, टीम लीडर का दायित्व

परियोजनाओं के अंतिम बिल पास होने से पूर्व भौतिक सत्यापनमाल की खरीद-फरोख्त की ऑडिट और सत्यापन
परियोजना में कार्यरत स्टाफ के वेतन- भत्तेमूल

विभाग में गए अभियंता

परियोजनाओें के लिए विभिन्न विभागों से सेवा ली गई। इनमें अधिशाषी अभियंता अनिल विजयवर्गीय, अविनाश शर्मा, अशोक रंगनानी, प्रदीप मौर्य, केदार शर्मा, अनिल जैन कनिष्ठ अभियंताओं में रहे अंकित माथुर, राजेन्द्र कुड़ी, संजय मीणा मूल विभाग में जा चुके हैं। कुछ अफसर सेवानिवृत्त हो चुके हैं। फिलहाल दो अभियंताओं के भरोसे स्मार्ट सिटी का काम चल रहा है। संबंधित कार्यों के भुगतान के लिए सरकार से आदेशों का इंतजार है।
पिछले साल हुआ था विस्तार

साल 2016 में स्मार्ट सिटी परियोजना के काम शुरू हुए थे। वर्ष 2024 जून माह में स्मार्ट सिटी परियोजना की अवधि पूर्ण होने के बाद इसका कार्यकाल 31 मार्च 2025 तक बढ़ाया गया था।
इन्हें लोकार्पण का इंतजार

पिडियाट्रिक व पीजी हॉस्टल का निर्माण हो चुका है। पूर्णता प्रमाण-पत्र जारी नहीं होने से संबंधित विभाग को नहीं सौंपा गया है।

निगम को सौंपा पटेल मैदान

पटेल मैदान, फुटबॉल मैदान, एथलेटिक ट्रैक, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, हॉस्टल, इंडोर गेम्स, बास्केटबॉल कोर्ट को स्मार्ट सिटी ने नगर निगम प्रशासन को सौंप दिया है।
इतने कार्य निर्माणाधीन. . .

-कलक्ट्रेट की सात मंजिला इमारत, – लागत 20 करोड़ – अधूरी

-सर्जिकल विंग आजाद पार्क के सामने – लागत – 48 करोड़ – अधूरा

-मेडिसिन ब्लॉक – लागत 42 करोड़ – अधूरा
-पीडियाट्रिक ब्लॉक मय बहुमंजिला पार्किंग – लागत 20 करोड़ – लोकार्पण का इंतजार

– 100 बेड का आईसोलेशन ब्लॉक, लागत 7 करोड़ – अधूरा

-पटेल मैदान, ट्रैक, फुटबॉल मैदान, स्वीमिंग पूल, बहुमंजिला कुश्ती, जिम्नास्ट के इंडोर स्टेडियम व खिलाडियों के हॉस्टल – लागत 42 करोड़ – तैयार लेकिन लोकार्पण का इंतजार।इनका कहना है
परियोजना के लिए सरकार से निर्देश आने के बाद आगामी व्यवस्था की जाएगी। प्रोजेक्ट के कामकाज फिलहाल जारी हैं। जैसे निर्देश मिलेंगे उसके अनुसार आगामी कार्रवाई होगी।

लोकबंधु, जिला कलक्टरसरकार के स्तर पर निर्णय होना है। आगामी 7 अप्रेल को स्वायत्त शासन मंत्री बैठक लेंगे। इसके बाद जो दिशा निर्देश मिलेंगे वैसे कार्य किया जाएगा।
नरेन्द्र अजमेरा, चीफ इंजीनियर, स्मार्ट सिटी कार्यालय

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