केमिकल फैक्ट्री मालिक समेत तीन ने तोड़ा दम, राह चलते लोगों को आई मौत
अजमेर. ब्यावर के बलाड़ रोड स्थित केमिलकल फैक्ट्री के गोदाम में टैंकर से लिकेज हुई नाइट्रोजन गैस से अब तक फैक्ट्री मालिक सुनील सिंघल समेत तीन जनों ने दम तोड़ दिया। मृतकों में जहां एक डीजे संचालक शामिल है, तो दूसरा फैक्ट्री के पड़ौस में रहने वाला युवक है। घायल हुए पांच जनों को देर रात अजमेर के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में रैफर किया गया था। इसमें दो की हालत गम्भीर बनी हुई है। जिला कलक्टर लोकबंधु ने घायलों की कुशलक्षेम पूछी। इधर, मृतकों के परिजन उचित मुआवजे व सरकारी नौकरी को लेकर मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठ गए।
जानकारी अनुसार जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में भर्ती करवाए ब्यावर बलाड़ रोड निवासी फैक्ट्री संचालक सुनील सिंघल(53) पुत्र भंवरलाल सिंघल ने रात डेढ़ बजे उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। फिर सुबह सवा 10 बजे फैक्ट्री श्रमिक भीलवाड़ा बदनोर रूपपुरा हाल बलाड़ रोड निवासी दयाराम(45) पुत्र घीसासिंह रावत और सुबह पौने 11 बजे ब्यावर सरगांव निवासी डीजे संचालक नरेन्द्रकुमार(40) पुत्र भैरूलाल सौलंकी ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। ब्यावर सिटी थाने के एएसआई उमराव ने शवों का पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन करवाया है। हालांकि मृतक डीजे संचालक और श्रमिक के परिजन ने शव लेने से इनकार करते हुए धरने पर बैठ गए जबकि फैक्ट्री संचालक सुनील सिंघल के शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम की कार्रवाई शुरू कर दी गई।
पिता की मौत, बेटा गम्भीर
जहरीली गैस की चपेट में 60 से ज्यादा लोग आए। घायलों में ब्यावर निवासी बाबूलाल(54) पुत्र कालू, लक्ष्मी देवी(62) पत्नी कैलाश का जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के मेडिसिन आईसीयू में उपचार चल रहा है। जानकारी अनुसार घायलों में शामिल सरगांव निवासी सत्यप्रकाश उर्फ लक्की को भी ब्यावर के अमृतकौर अस्पताल से अजमेर रैफर किया है। सत्यप्रकाश उर्फ लक्की मृतक नरेन्द्र कुमार का पुत्र है। लक्की अपने पिता के साथ में डीजे के काम से बलाड़ रोड गया था।
रिहायशी इलाके में फैक्ट्री, प्रशासन की लापरवाही
मृतक नरेन्द्र के पिता भैरूलाल सोलंकी का आरोप है कि जिला प्रशासन पर लापरवाही से हादसा पेश आया। रिहायशी इलाके में कैमिकल फैक्ट्री और गोदाम का संचालन किया जा रहा था लेकिन प्रशासनिक अमले ने कभी सुध नहीं ली। नतीजतन सोमवार रात को कैमिलक टैंकर खाली करने के दौरान गैस का रिसाव होने से हादसा पेश आया।
फैक्ट्री के नजदीक रहता है परिवार
पड़ताल में आया कि मृतक दयाराम रावत कैमिकल फैक्ट्री से कुछ ही दूरी पर अपने परिवार के साथ किराए के मकान में रहता है। वह नमकीन फैक्ट्री में कामकाज करके गुजर-बसर करता था। सोमवार शाम को काम से लौटने के बाद परिवार खाना-खाने की तैयारी में लगा था। बड़ा बेटा अशोक भी काम से लौटा था। तभी गैस का रिसाव होने पर परिवार के सदस्यों को सांस लेने में परेशानी हुई तो सब लोग निकलकर भागने लगे। तभी दयाराम और उसकी पत्नी राजीदेवी को गाय व पालतू श्वान को बचाने गए। लेकिन गायों को खूंटे से नहीं खोल सके। पालतू श्वान ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया जबकि तबीयत बिगड़ने पर दयाराम, राजीदेवी, तीनों बच्चों को अमृतकोर अस्पताल पहुंचाया। जहां देर रात दयाराम को अजमेर रैफर कर दिया। यहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। अब बड़ा बेटा अशोक व परिवार के अन्य सदस्य प्रशासन से उचित मुआवजे की मांग कर रहे है।
जिला कलक्टर ने पूछी कुशलक्षेम
अजमेर जिला कलक्टर लोक बंधु दोपहर साढ़े 12 बजे जवाहरलाल नेहरू अस्पताल पहुंचे। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनिल सामरिया, अस्पताल अधीक्षक डॉ. अरविन्द खरे, उप अधीक्षक डॉ. अमितकुमार यादव समेत कई लोग मौजूद थे। जिला कलक्टर ने चिकित्सकों को मरीज को बेहतर इलाज करने के निर्देश दिए।
इनका कहना है…
ब्यावर दु:खांतिका में अजमेर रैफर हुए 5 जनों में से 3 की मृत्यु हो गई है। दो घायलों को मेडिकल आईसीयू में रखा गया है। जेएलएन अस्पताल प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखते हुए घायलों को हर सम्भव इलाज देने के साथ पांच बिस्तर सुरक्षित रखवाए हैं। ब्यावर से अन्य किसी घायल के रैफर होने पर उन्हें तुरन्त उपचार दिया जा सके।
लोक बंधु, जिला कलक्टर अजमेर
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