बेटे ऋषि ने अपने पिता बीएसए राकेश सिंह को मार्कशीट दिखाते हुए पूछा कि ‘पापा मेरे कम नंबर आए हैं तो आप नाराज हैं क्या? इस पर बीएसए ने कहा नहीं बेटा मैं तो उतना ही खुश हूं जितना अपनी नौकरी मिलने के समय था। अब पढ़िए बीएसए राकेश सिंह का पोस्ट।
‘मेरे बेटे ऋषि ने 60% के साथ इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की है, बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं बेटा। जैसे ही मैंने अपने बच्चे को बधाई दिया उसने पूछा पापा आप नाराज तो नहीं हैं इतने कम नंबर आए हैं। मैंने उसे बताया कि नहीं मैं नाराज नहीं बल्कि आज उतना खुश हूं जितना मैं कभी अपने सेलेक्शन पर भी नहीं हुआ होगा। क्योंकि तुम्हारे तो 60% नंबर है मेरा स्नातक में 52% ही नंबर था हाई स्कूल में 60% था और इंटर में 75% नंबर था, जिन बच्चों के नंबर कम आए हैं या उत्तीर्ण नहीं हो सके हैं उनको निराश होने की उनके माता पिता को घबराने की जरूरत नहीं है। हम जिंदगी की शुरूआत कहीं से कभी भी कर सकते हैं। जब मैं इंटर कर लिया और स्नातक का एन्ट्रेंस टेस्ट देने गया था तब मुझे अकबर बीरबल बाबर राज्यपाल और बैडमिंटन जैसे सवाल नहीं आते थे। मैंने इंट्रेंस टेस्ट इनसे संबंधित सारे सवालों को गलत किया था।
इसके बाद में इलाहाबाद विश्वविद्यालय में मेरा प्रवेश हुआ जिस लड़के को इतिहास का एबीसीडी न पता हो उसने लोक सेवा आयोग में 2000 इतिहास में 80% नंबर हासिल किया मैंने करके दिखाया यह मेरी एक ज़िद थी। हम जिंदगी में कहीं से कभी भी अच्छी शुरुआत कर सकते हैं। मैं अभिभावकों से एक अपील करुंगा। यदि आप सफल नहीं हो पाए हैं तो कोई बात नहीं। ये सही बात है कि आपने अपने बच्चे से बहुत सारे सपने पालक रखें होंगे। बच्चों के माध्यम से आपको अपने सपने पूरे करने हैं लेकिन उसके लिए बच्चों को मज़बूर नहीं करना चाहिए।
मैंने 2000 की लोक सेवा आयोग की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। मैंने एक बार ठाना तो फिर करके दिखाया पीछे मुड़कर नही देखा। यह टैलेंट सभी बच्चे में होता है बस आप उसको कितना प्रोत्साहन दे पाते हैं। उसके स्वास्थ्य का कितना ध्यान रख पाते हैं ये बहुत जरूरी है ज़िन्दगी ज्ञान की नहीं धैर्य की परीक्षा है बच्चों को सपोर्ट करना चाहिए। उनका साथ देना चाहिए और जब से बच्चा शुरुआत कर लेगा वो कुछ भी कर सकता है किसी भी ऊंचाई को तय कर सकता है ऐसे तमाम उदाहरण समाज में भरे पड़े हैं हैं। मैं पुनः जिन बच्चों ने सफलता हासिल की है। उनको बधाई देना चाहता हूँ। जिन बच्चों ने नही हासिल की है उन बच्चों को उनके माता पिता अभिभावकों को विशेष बधाई देना चाहता हूं कि आपका बच्चा इस सृष्टि की अनमोल रचना है वो ज़रूर किसी न किसी दिन बड़ा करेगा अच्छा करेगा।’