इसमें से 260 नमूने जांच में फेल हो गए। सीएमएचओ डॉ. योगेन्द्र शर्मा ने बताया कि जांच में खाद्य सामग्री के 248 नमूने अवमानक, 10 असुरक्षित और 2 मिथ्याछाप स्तर के पाए गए। उन्होंने बताया कि अवमानक पाई गई खाद्य सामग्री में अधिकतर नमूने पनीर, घी व मावा मिठाई आदि मिल्क प्रोडक्ट्स और असुरक्षित नमूनों में अधिकांश नमूने मसालों के शामिल हैं।
ये नमूने हुए फेल
सेंगर एग्रो इंडस्ट्रीज एमआईए का रेड चिली पाउडर अनसेफ व सबस्टेंडर्ड पाया गया। इसके अलावा जैन मसाला उद्योग केडलगंज का रेड चिली पाउडर, मुस्ताकन मिष्ठान भ्डांर लक्ष्मणगढ़ रोड बायपास मालाखेड़ा व गिरधारी मिष्ठान भंडार गोविंदगढ़ रोड रामगढ़ के बेसन के लड्डू, जय अंबे मिष्ठान भंडार खेरली का यूज्ड रिफाइंड सोयाबीन ऑयल, ओम जोधपुर स्वीट्स होम नंगली सर्किल का अंजीर कालू सैंडविच मिठाई, योगेश मिष्ठान भंडार मोहना बाबा की प्याऊ अलवर व बालाजी मिष्ठान भंडार नारायणपुर का बेसन का लड्डू, मां करणी जोधपुर मिष्ठान भंडार भांदर मालाखेड़ा का कलाकंद और जुनैद खान छापड़ डीग का घी का नमूना जांच में अनसेफ मिला है। इसी तरह अमन मिल्क प्रोडेक्ट खैरथल का स्वीट केक और खाटू श्याम फास्ट फूड लक्ष्मणगढ़ का मैंगो ड्रिंक मिस ब्रांड पाया गया। सीएमएचओ डॉ. शर्मा ने बताया कि मिलावटी खाद्य सामग्री के मामले में अप्रेल, 2024 से अप्रेल 2025 तक विभाग की ओर से एडीएम कोर्ट में 220 और सीजेएम कोर्ट में 2 प्रकरण प्रस्तुत किए गए। इस अवधि में सक्षम न्यायालय की ओर से 317 मामलों में 70 लाख 14 हजार 500 रुपए का जुर्माना लगाया गया। उन्होंने बताया कि अवमानक खाद्य सामग्री के मामले में 5 लाख रुपए तक के जुर्माने का नियम है। जबकि असुरक्षित खाद्य सामग्री मिलने पर कारावास का प्रावधान है।