पूरे प्रदेश में मर्ज किए गए स्कूलों की कुल संख्या 235 है। इनमें अधिकतर प्रारंभिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित राजकीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूल हैं, इनको निकटवर्ती माध्यमिक स्कूलों में मर्ज किया गया है। मर्ज किए गए स्कूलों का अब अलग से प्रशासनिक अस्तित्व नहीं रहेगा और उच्च माध्यमिक स्कूलों का प्रशासनिक नियंत्रण माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधीन रहेगा।
मर्ज स्कूल के सभी संसाधन अब माध्यमिक स्कूल के अधीन
उच्च माध्यमिक स्कूलों में समाहित होने वाले प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों की सभी भूमि, भवन, खेल मैदान, फर्नीचर, शैक्षणिक उपकरण, स्थाई एवं अस्थाई उपयोगी-अनुपयोगी सामग्री आदि उच्च माध्यमिक स्कूल में स्वत: ही मर्ज हो जाएगी। एकीकृत उच्च माध्यमिक स्कूलों के प्रधानाचार्य इन स्कूलों के शैक्षणिक व प्रशासनिक कार्यों के लिए पूर्ण रूप से अधिकृत एवं उत्तरदायी होंगे। मर्ज हुए स्कूलों के विद्यार्थी भी समाहित स्कूल के विद्यार्थियों के साथ पढ़ाई करेंगे। वहीं, मर्ज होने वाले स्कूलों का नाम अगर किसी दानदाता, शहीद सैनिक, स्वतंत्रता सेनानी आदि के नाम से है तो उच्च माध्यमिक स्कूल के नामकरण के लिए विभाग द्वारा जारी आदेशानुसार कार्रवाई होगी।