एसपी संजीव नैन ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि नासिर नौगावां क्षेत्र में अपने रिश्तेदार के यहां आया हुआ है। पुलिस ने नाकाबंदी कराते हुए सड़क पर कीलदार पट्टे बिछाए। जिससे आरोपी की कार के चारों टायर फट गए। इसके बाद भी वह कार को 10 किलोमीटर तक भगाकर ले गया। जिसे पुलिस ने पीछा कर गिरफ्तार कर लिया। उसकी कार को पुलिस ने जब्त किया है। साथ ही आरोपी की निशानदेही पर वारदात में प्रयुक्त एक ट्रक को हरियाणा से जब्त किया गया है। आरोपी से फर्जी आरसी भी बरामद हुई है।
एमआईए से सरसों के तेल से भरे ट्रक को किया था खुर्दबुर्द
गत 23 जनवरी को एमआईए स्थित अडानी कंपनी से तेल के पीपे भरकर हुगली (कोलकाता) के लिए रवाना हुआ ट्रक रास्ते में ही गायब हो गया था। जिसके ड्राइवर का पता नहीं चला था। इस संबंध में थाने में मामला दर्ज हुआ था। मामले की जांच के दौरान इस बदमाश को गिरफ्तार किया है। इस मामले में पुलिस दो आरोपियों को पूर्व में ही गिरफ्तार कर 259 सरसों के तेल की पेटियां बरामद कर चुकी है। आरोपी नासिर के खिलाफ राजस्थान, हरियाणा व उत्तर प्रदेश में दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज हैं। आरोपी के महाराष्ट्र के अंतरराज्यीय जालसाज जावेद से भी संपर्क हैं।
बाहर से एनओसी लेकर राजस्थान में कराते हैं रजिस्टर्ड
यह गिरोह असम व नागालैंड से गाड़ियों की एनओसी लेकर उन्हें राजस्थान में रजिस्टर्ड कराते हैं। फिर राजस्थान से खरीदी गाड़ियों पर उक्त चेचिस व इंजन नंबर व नंबर प्लेट लगाकर लोन उठाते हैं। जिसको फर्जी तरीके से असल लोन की तरह ही चलाया जाता है अथवा गाड़ी चोरी की झूठी एफआईआर दर्ज करा दी जाती है। इसके बाद इन गाड़ियों को कटवा दिया जाता है। इस काम में पाटखोरी निवासी नाजिर उनका सहयोग करता है, जो आरटीओ जयपुर में दलाली का काम करता है। इसके अलावा विक्रम गुर्जर निवासी जयपुर शाहपुरा, रफी और महाराष्ट्र निवासी जावेद भी इस गिरोह में शामिल हैं।
ऐसे देते थे वारदात को अंजाम
एमआईए थाना प्रभारी अजीत बड़सरा ने बताया कि आरोपी नासिर के नेतृत्व में पूरा गिरोह काम करता है। जो ट्रकों के चेचिस नंबर बदलकर और फर्जी कागजात तैयार कर ट्रांसपोर्टरों के जरिए कंपनियों से महंगा माल भरकर उसे रास्ते में ही खुर्द-बुर्द कर देते हैं। पुलिस से बचने के लिए ड्राइवर के लाइसेंस से लेकर उसकी पहचान तक फर्जी रखी जाती है। हर वारदात के लिए अलग से मोबाइल नंबर काम में लिया जाता है। वारदात के बाद ट्रक का हुलिया बदल कर उसे फिर से दूसरी वारदात में काम में लिया जाता है अथवा अंतरराज्यीय तस्कर जावेद को दे दिया जाता है।