प्रदेश के जिला परिषदों की ओर से लिपिक भर्ती 2013 के तहत वर्ष 2013 , 2017 और 2022 में बड़े पैमाने पर की गई लिपिक भर्ती में हुई गड़बड़ी पर पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर के कहने पर सरकार ने सत एक्शन लिया है। पंचायती राज विभाग के शासन सचिव जोगाराम ने तीन अलग-अलग पत्र जारी कर इस संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए हैं। उल्लेखनीय है कि यह मामला सबसे पहले पत्रिका ने उठाया था।
पहला पत्र जिला कलेक्टर को
पंचायती राज विभाग के शासन सचिव ने जारी किए आदेश में राज्य के सभी जिला कलेक्टरों को यह निर्देश दिए गए हैं कि लिपिक भर्ती के तहत ऑनलाइन आवेदन और दस्तावेज सत्यापन के समय अलग-अलग दस्तावेज प्रस्तुत करने वाले लिपिकों की जांच की जाए और पूर्व में जारी परिपत्र के अनुसार सेवा से पृथक किया जाए। इसके लिए पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त दूसरे विभागों के प्रशासनिक और लेखा अधिकारियों की टीम को लगाया जाए और 10 दिवस में यह कार्रवाई पूरी की जाए।
तीसरे पत्र में जांच कमेटी
तीसरे पत्र में राज्य स्तर पर अतिरिक्त जांच आयुक्त की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र और अनुभव अवधि ओवरलैप होने संबंधी प्रकरणों की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है। मालूम हो कि लिपिक भर्ती फर्जीवाड़े की जांच जिला प्रशासन को सौंपी गई थी, लेकिन जांच पूरी नहीं हो पाई। जिला परिषद के अफसर ने भी यही कहा था कि सरकार अपने स्तर से जांच कराएगी, तो यह फर्जीवाड़ा पूरी तरह बाहर आ जाएगा। उसी के तहत सरकार ने अब निर्णय लिया है।
दूसरा पत्र सीईओ को
राज्य के सभी जिला परिषद सीईओ को पत्र जारी कर पूछा गया है कि वर्ष 2018 के सर्कुलर पर कार्रवाई करते हुए फर्जी दस्तावेजों से नौकरी पाने वाले कितने कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त किया गया है? अब तक बर्खास्त नहीं करने के लिए कौन अधिकारी उत्तरदायी रहे, पूर्व में जिन 277 लिपिक के शैक्षणिक प्रमाण पत्र ऑफ कैंपस स्टडी सेंटर से जारी हुए उनसे संबंधित सूचना पर किस अधिकारी ने सीईओ और एसीईओ की सील पर हस्ताक्षर करके भेजे, ऐसे लिपिक वर्तमान में कहां तैनात हैं, की सूचना दी जाए है।
50 से ज्यादा लिपिक हो सकते हैं बर्खास्त
जिला परिषद अलवर में वर्ष 2022 में हुई 134 लिपिकों की भर्ती में कई फर्जी लिपिक भर्ती हुए। बताया जा रहा है कि करीब 50 से ज्यादा लिपिकों की बर्खास्तगी इस कार्रवाई के बाद हो सकती है। अलवर जिला परिषद से फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र जारी होने, शिक्षक और लिपिक भर्ती में गड़बड़ी पर एसओजी की ओर से अलवर के अरावली विहार थाने और जयपुर के पार्क थाने में भी मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है। इस मामले को पत्रिका ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था।