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अलवर

दिल्ली-मुंबई सुपर एक्सप्रेस-वे ने बदली कई गांवों की तकदीर, बेरोजगारों का पलायन थमा

बदलाव: युवाओं को स्थानीय स्तर पर मिलने लगा रोजगार, जमीन की भी कीमतें बढ़ीं
मंडे मेगा स्टोरी का लोगो लगाना है

अलवरApr 20, 2025 / 10:49 pm

Ramkaran Katariya

पिनान. दिल्ली-मुंबई सुपर एक्सप्रेस-वे ने आस-पास के गांवों की तस्वीर बदल दी है। यहां के लोगाें के लिए रोजगार के दरवाजे खुल गए हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि बेरोजगारों का पलायन रुक गया है। इनको स्थानीय स्तर पर ही अच्छा रोजगार मिलने लगा है। एक्सप्रेस-वे के आस-पास जमीनों की कीमतें बढ़ गई हैं। रोजगार मिलने से जीवन स्तर सुधरा है। घरों में कार-जीप सहित अन्य वाहन खड़े नजर आने लगे हैं। स्थानीय लोग कहते हैं कि यह बदलाव एक्सप्रेस-वे की वजह से आया है। एक्सप्रेस-वे से जयपुर और दिल्ली के सफर आसान हो गया है।एक्सप्रेस-वे के रेस्ट एरिया जोन की सुविधाएं और यहां के सौंदर्य को देख सैलानियों को महानगरों जैसी फिलिंग हो रही है। इसके अलावा यहां व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में इजाफा होने लगा है। रेस्ट एरिया जोन 24 घंटे खुल रहे हैं। इनमें काम करने वाले अधिकतर युवा स्थानीय हैं, जिससे इनको रोजगार मिला है और बड़े शहरों की तरफ पलायन थमा है। कुछ युवा ऐसे भी हैं, जो पहले दूसरे शहरों में नौकरी या अन्य कोई काम करते थे। एक्सप्रेस-वे शुरू होने के बाद ये युवा अपने गांव लौट आए हैं और यहीं पर इनको रोजगार मिल रहा है।
—इनकी वजह से मिल रहा रोजगार

रेस्ट एरिया में संचालित रेस्टोरेंट, होटल, ढाबा, पेट्रोल पंप, सीएनजी पंप, चिल्ड्रन पार्क, आधुनिक सुविधाओं से युक्त शौचालय, गार्डन, हेलीपेड, ट्रॉमा जैसी संस्थाओं में कार्यरत सैकड़ों कर्मचारियों को रोजाना ड्यूटी पर आना-जाना अब सुलभ हो गया है। इससे पहले यहां के कर्मचारियों को पथरीली डगर से पहुंचना पड़ता था। हालांकि कुछ संस्थानों की ओर से कर्मचारियों को वाहन से लाया ले जाया जा रहा है।—मन में यह कसक
क्षेत्र के लोगों के मन में थोड़ी सी कसक भी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उनको रेस्ट जोन की खूबसूरती देखने का लाभ नहीं मिल रहा। सुपर एक्सप्रेस-वे संचालन के बाद बेरोजगार युवाओं को रोजगार की सौगात तो मिली, लेकिन विश्राम स्थल क्षेत्र में पहुंचने के लिए पुख्ता सड़क सुविधा उपलब्ध नहीं है। परियोजना के नियम में शामिल हल्के व दुपहिया वाहनों का सुपर पर दौड़ाना वर्जित होने के कारण आमजन का रेस्ट एरिया पहुंचना संभव नहीं हो पा रहा। केवल चौपहिया वाहन वाले ही रेस्ट एरिया का आनंद ले पा रहे हैं। ऐसे में रेस्ट एरिया जोन पहुंचने के लिए अलग से सड़क व एंट्री गेट बनाया जाए, तो स्थानीय लोगों को अवसर मिले। साथ ही राजस्व का इजाफा होगा।–
इस समस्या का भी हो समाधानपिनान से रेस्ट एरिया जोन होते हुए वाया रसूलपुर, शेखपुर, हरसाना विद्यालय पर लक्ष्मणगढ़ पंचायत समिति मुख्यालय को मिलाने वाला पीडब्ल्यूडी का डामरीकरण सड़क है, लेकिन बदहाली के चलते इसका उपयोग लोगों को मजबूरी में लेना पड़ता है। लोगों का कहना है कि इस मार्ग का चौड़ाईकरण कर स्टेट हाईवे बना दिया जाए तो पिनान व लक्ष्मणगढ़ पंचायत समिति के विकास को गति मिलेगी। साथ ही मार्ग क्षेत्र के गांवों के लोगों को पंचायत समिति मुख्यालय पहुंचने में सुगमता बनी रहेगी।
–दिल्ली-मुंबई सुपर एक्सप्रेस-वे के संचालन से युवाओं को रोजगार मिला है। रेस्ट एरिया में संचालित संस्थानों की सुरक्षा दीवार मजबूत होनी चाहिए। बाहरी लोगों की आवाजाही न हो।

– गोपाल सिंह नरूका, ग्रामीण माचाड़ी…………………..
एक्सप्रेस-वे के निर्माण से बेरोजगार युवाओं को यहां होटलों व रेस्टोरेंटों में रोजगार के अवसर मिल रहे हैं, लेकिन विकास और रोजगार के लिए क्षेत्र में उद्योगों का होना अति आवश्यक है। बढ़ते सफर से सुविधा जोन में रात्रि के समय अच्छी भीड़ होने लगी है। जिससे रोजगार को रफ्तार मिलने लगी है।- शिवसहाय मीणा, कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष
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पिनान में सुपर एक्सप्रेस-वे का अत्याधुनिक विश्राम स्थल मुसाफिरों को खूब भा रहा है। ऐसे में पिनान से लक्ष्मणगढ़ निकल रहे सड़क को दुरुस्त कर रेस्ट एरिया से जोड़ दिया जाए। पहचान के माध्यम से एंट्री देने की योजना बनाई जाए तो हर वर्ग के व्यक्ति को मौका मिल सकेगा।- श्रीकांत सैदावत, जिला पार्षद रैणी।
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दिल्ली-मुंबई सुपर एक्सप्रेस-वे के रेस्ट एरिया जोन में एक एंट्री गेट, जिसमें स्थानीय व कर्मचारियों को जाने की अनुमति होती है तो स्थानीय लोगों को रेस्ट जोन की सुविधाओं को देखने का मौका मिले। व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में इजाफा होगा। धार्मिक, सांस्कृतिक व मांगलिक कार्यक्रमों की ओर लोगों का रुझान बढ़ेगा। रोजगार मिलेगा।- मांगेलाल मीणा, विधायक, लक्ष्मणगढ़-राजगढ़

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