राजकीय प्रवेशिका संस्कृत विद्यालय चौमू को संकुल केंद्र भी बना रखा है। इसमें एक अध्यापक लगा रहता है, वहीं संस्था प्रधान ऑनलाइन सूचना देने तथा संकुल के आधार पर अन्य शिक्षकों के वेतन बनवाने व सूचना देने की व्यवस्था में लगे रहते हैं। इस प्रकार से केवल पांच शिक्षक ही अध्यापन कराने के लिए रह जाते हैं। यही सामान्य अध्यापक हिंदी, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान जैसे विषय सहित स्वयं के विषय को अध्यापन का कार्य करना पड़ रहा है।
हिंदी, अंग्रेजी, सामाजिक ज्ञान के तीन पद रिक्त सेकंडरी संस्कृत स्कूल में दसवीं के बच्चों का भविष्य चौपट हो रहा है। यहां पर हिंदी, अंग्रेजी, सामाजिक ज्ञान के तीन पद रिक्त हैं। इसी के साथ तृतीय श्रेणी एल टू का एक पद तथा एल वन का एक पद रिक्त है। लिपिक तथा चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी के पद भी रिक्त चल रहे हैं। इस गांव के रहने वाले बच्चूसिंह, राकेश सिंह, सरदार सिंह, श्याम सिंह, भगवान सिंह, महावीर सिंह, रामसिंह, मूल सिंह, भंवर सिंह, सदा राम, मोहनलाल, राधाकृष्ण गुर्जर ने बताया कि कई वर्ष से यहां पर विषय अध्यापक नहीं है। इस वजह से बच्चों को दूसरी स्कूल में प्रवेश दिलाया गया है। इसके लिए शिक्षा विभाग और अधिकारी जिम्मेदार हैं। कई बार विधायक और मंत्री से मिल चुके हैं, लेकिन कोई अध्यापक नहीं लगाया गया।
………………… सात पद रिक्त हैं संस्कृत विद्यालय चौमू संकुल केंद्र है, जहां पर 14 में से सात पद रिक्त हैं। ऐसे में सामान्य शिक्षक ही विषय अध्यापक का कार्य कर रहे हैं। संकुल के अधीन छह विद्यालय लगे हुए हैं। जहां उनके सभी कार्य की ऑनलाइन सूचना प्रतिदिन विभाग को प्रेषित की जाती है।
महेश कर्णावत, प्रधानाध्यापक, राजकीय प्रवेशिका संस्कृत विद्यालय, चौमू। ……………….. सूचना मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी को प्रेषित की है संस्कृत शिक्षा विभाग का सीधा कंट्रोल जयपुर से है। रिक्त पदों पर अध्यापक लगाने की सूचना मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी को भी प्रेषित की गई है। अध्यापकों की नियुक्ति प्रदेश स्तर से ही होगी।
भगवान सहाय शर्मा, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी।