Rajasthan Tourism: राजस्थान का पहला शस्त्र म्यूजियम जनता के लिए खुला, जानिए किस शहर में है ये
राजस्थान के पहले वेपन म्यूजियम में कई ऐतिहासिक शस्त्र हैं। पुरातत्व एवं संग्रहालय विभागाध्यक्ष विनीत गोधल ने बताया कि इसमें करीब 85 ऐतिहासिक हथियार रखे हुए हैं।
अलवर। केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री भूपेन्द्र यादव व वन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संजय शर्मा ने प्रदेश के पहले शस्त्र म्यूजियम को जनता के हवाले कर दिया। अब हर दिन जनता इस म्यूजियम में ऐतिहासिक शस्त्रों को देख सकेगी। पर्यटकों को लाभ मिलेगा। इसके साथ ही करणी माता सड़क पर भी वाहन फर्राटा भरेंगे। मंत्रियों ने इनका लोकार्पण किया है। मंत्री जिप्सियों से करणी माता मंदिर पहुंचे थे।
प्रतापबंध से करणी माता, चक्रधारी हनुमान मंदिर, बाला किला तक 1 करोड़ 70 लाख रुपए की लागत से बनने वाली 7 किमी की सड़क का लोकार्पण किया। बाला किला में 50 लाख रुपए की लागत से तैयार वेपन म्यूजियम का अवलोकन किया। करणी माता मंदिर, चक्रधारी हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की।
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि इस सड़क के बनने पर श्रद्धालुओं को करणी माता व चक्रधारी हनुमान मंदिर के दर्शन के लिए आवागमन में सुविधा होगी। पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में डबल इंजन की सरकार आमजन के कल्याण के लिए निरन्तर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि पर्यटन की अपार संभावनाओं को दृष्टिगत रखते हुए अलवर को पर्यटन हब बनाने की दिशा में आमजन की सहभागिता से सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं।
ये रहे मौजूद
इस मौके पर रामगढ़ विधायक सुखवंत सिंह, जिला प्रमुख बलबीर सिंह छिल्लर, निवर्तमान मेयर घनश्याम गुर्जर, जिला कलक्टर आर्तिका शुक्ला, सीसीएफ सरिस्का संग्राम सिंह कटियार, डीएफओ अलवर राजेन्द्र हुड्डा, डीएफओ सरिस्का अभिमन्यु सहार, निवर्तमान पार्षद अरुण जैन, एलएन गुप्ता आदि मौजूद रहे।
म्यूजियम में रखे हैं ऐतिहासिक हथियार
बाला किला में बने राजस्थान के पहले वेपन म्यूजियम में कई ऐतिहासिक शस्त्र हैं। पुरातत्व एवं संग्रहालय विभागाध्यक्ष विनीत गोधल ने बताया कि इसमें करीब 85 ऐतिहासिक हथियार रखे हुए हैं। इसमें छोटे व बडे आकार वाली प्राचीन तोप, खाली कारतूस, गोले, तलवारें आदि शामिल हैं।
करीब तीन साल पहले इस म्यूजियम को मंजूरी मिली थी। यूआईटी ने करीब 45 लाख रुपए की लागत से इसका निर्माण किया। ऐतिहासिक हथियार जो कि राज महाराजाओं के हैं, उनको शीशे के दरवाजों के अंदर रख गया है। टोपीदार बंदूक, टोपीदार दोनाली बंदूक के अलावा एक मिनट में 70 फायर करने वाली तुर्किश गन है, जिसकी लंबाई 110 इंच है।
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