मिल रहा समर्थन
इधर आसपास के क्षेत्र की प्रभावित ग्राम पंचायतों के सरपंचों ने भी समिति के आंदोलन को समर्थन देते हुए जिला प्रशासन को पंचायत के मौलिक अधिकारों की मांग उठाते हुए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। साथ ही अवगत कराया कि सिलीसेढ़ तिराहे पर ग्रामीणों का क्षेत्र में बोरिंग खुदाई के विरोध को लेकर लगातार धरना जारी है।आंदोलन के दौरान भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष मीनाक्षी मीणा ने भी पहुंचकर समर्थन दिया। आसपास के क्षेत्र में भी बोरिंग खुदाई की सरकार व प्रशासन की योजना को लेकर आक्रोश देखने को मिल रहा है।
अगर पानी ले जाना ही है तो नहर से पहुंचाया जाए, बोर नहीं लगाने देंगे
भारतीय किसान यूनियन की महिला जिला अध्यक्ष मीनाक्षी मीणा सहित अन्य वक्ताओं ने कहा कि सरकार इस क्षेत्र के साथ जो कर रही हैं, वह अनुचित है। आरोप लगाया कि 35 बोरिंग कर अलवर शहर को तो पानी दिया जाएगा, लेकिन किसानों के हितों को नजरअंदाज किया जा रहा है। सरकार व प्रशासन को यही कहेंगे कि ईआरसीपी योजना को क्यों नहीं ला रहे।अगर पानी ले जाना ही है तो नहर से पहुंचाया जाए, बोर नहीं लगाने देंगे। या फिर ईआरसीपी योजना लागू की जाए। शहर ही नहीं जिले में आसपास के लोग पानी के लिए त्राहिमाम- त्राहिमाम पुकार रहे हैं। सरकार जाग नहीं रही। जो बड़े-बड़े उद्योगपति हैं, उनको पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। सरकार के उक्त निर्णय का जब तक विरोध करेंगे, तब तक हमारी बात नहीं मान लेंगे।
सरकार व प्रशासन को मनमर्जी नहीं करनी चाहिए
भविंद्र पटेल ने बताया कि आसपास क्षेत्र के सरपंचों ने धरने को समर्थन दिया है। ग्राम पंचायतों के जो मौलिक अधिकार हैं, उनके तहत पंचायत से एनओसी लें। सरकार व प्रशासन को मनमर्जी नहीं करनी चाहिए। पंचायत की राय लेकर धरातल पर कार्य करने के बारे में सोचा जाए, जिसको लेकर कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया है।इस मौके उप प्रधान उमरैण पर महेश सैनी, महेश पटेल, भविंदर पटेल, भब्बल यादव, रामसिंह, श्योराज, शिवदयाल, पूरण गुर्जर, असब खान, जगजीवन, उमरदीन, निहाल गुर्जर, रामजीलाल बैंसला आदि मौजूद रहे।