अंबिकापुर। छत्तीसगढ़-झारखंड बॉर्डर पर बलरामपुर जिले के लिबरा गांव से बहने वाली कन्हर नदी में 11 मई की रात रेत तस्करों ने सनावल थाने में पदस्थ एक आरक्षक की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या (Constable murder case) कर दी थी। आरक्षक अवैध उत्खनन रोकने वन विभाग की टीम व पुलिसकर्मियों के साथ पहुंचा था। इसी बीच रेत तस्करों ने भागने के दौरान ट्रैक्टर से आरक्षक को कुचल दिया था। इस मामले में पुलिस ने 4 आरोपियों को 14 मई को गिरफ्तार किया था, जबकि अन्य की तलाश चल रही थी। इसी बीच गुरुवार को पुलिस ने झारखंड से एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है।
गौरतलब है कि झारखंड बॉर्डर से लगे छत्तीसगढ़ की सीमा में ग्राम लिबरा स्थित कन्हर नदी से तस्करों द्वारा भारी मात्रा में रेत की खुदाई की जा रही थी। लिबरा के ग्रामीणों ने अवैध उत्खनन की शिकायत कई बार सनावल थाने में की, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी। वहीं रेत तस्करों (Constable murder case) द्वारा आए दिन ग्रामीणों को धमकी दी जा रही थी।
Constable Shivbachan Singh ग्रामीणों ने आशंका भी जताई थी कि रेत तस्करों द्वारा किसी दिन बड़ी घटना (Constable murder case) को अंजाम दिया जा सकता है। लेकिन पुलिस की ओर से कार्रवाई नहीं की गई। इसी बीच 11 मई की रात रेत तस्करों को पकडऩे सनावल थाने में पदस्थ आरक्षक शिवबचन सिंह वन विभाग व साथी पुलिसकर्मियों के साथ कन्हर नदी पहुंचा था।
इसी बीच रोके जाने के दौरान रेत तस्करों ने ट्रैक्टर से कुचलकर उसकी हत्या (Constable murder case) कर दी थी। यह मामला प्रदेश स्तर पर सुर्खियों में है। हाईकोर्ट ने जहां इस मामले में डीजीपी व खनिज सचिव को नोटिस जारी किया है, वहीं सीएम ने रेत तस्करों व अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलेरेंस की नीति अपनाने की बात कही है।
आरक्षक की हत्या (Constable murder case) कर फरार तस्करों को पकडऩे बलरामपुर पुलिस ने 5 टीमें बनाई थी। इसी बीच 14 मई को पुलिस ने झारखंड के गढ़वा जिले से 4 रेत तस्करों को गिरफ्तार किया था। जबकि अन्य की तलाश की जा रही थी।
इसी बीच पुलिस ने गुरुवार को झारखंड के गढ़वा जिले के धुरकी थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम करवापहाड़ निवासी उपेंद्र कोरवा पिता कृष्णा कोरवा 25 वर्ष को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उसे भी जेल भेज दिया है।
Hindi News / Ambikapur / Constable murder case: आरक्षक की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या मामले में फरार 1 और आरोपी गिरफ्तार, अब तक 5 सलाखों के पीछे