गौरतलब है कि शासकीयकरण की मांग को लेकर पंचायत सचिवों के हड़ताल (Panchayat secretary strike) पर चले जाने से पीएम आवास कार्यों पर भी व्यापक असर पड़ रहा है। इसके अलावा हड़ताल से ऑनलाइन सर्वे, नवीन स्वीकृति, जिओ टैगिंग, मास्टर रोल, जन्म प्रमाण पत्र, जन्म-मृत्यु पंजीयन, राशन कार्ड में नवीन सदस्य जोडऩे सहित अन्य कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
जनपद पंचायत उदयपुर में 59 ग्राम पंचायत है इसमें 47 सचिव नियुक्त है, वहीं 11 सचिवों को 1 से 2 पंचायत का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। ब्लॉक इकाई उदयपुर सचिव (Panchayat secretary strike) संघ के अध्यक्ष बाबूलाल दास ने कहा कि पंचायत सचिव राज्य व केंद्र सरकार की सरकारी योजनाओं को गांव के अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने का कार्य करते हैं।
शासन द्वारा समय-समय पर कई कामों की जिम्मेदारी सचिवों को दी जाती है। हमारी एक सूत्रीय मांग को 31 मार्च तक पूरा नहीं की गई तो 1 अप्रैल को मंत्रालय का घेराव (Panchayat secretary strike) करेंगे। संघ के सचिव गोपाल यादव ने कहा चुनाव के दौरान भाजपा ने शासकीयकरण का वादा किया था, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं हुई है।
आदेश की जलाईं प्रतियां
इधर सचिवों (Panchayat secretary strike) ने जिला पंचायत सीईओ के उस निर्देश की प्रतियां जलाईं, जिसमे 24 घंटे के अंदर ड्यूटी पर लौटने का अल्टीमेटम जारी किया गया है।
वहीं हड़ताल को लेकर जनपद सीईओ वेदप्रकाश गुप्ता ने बताया कि नवनिर्वाचित सरपंचों के शपथ ग्रहण के बाद जैसे ही कार्यों में प्रगति होनी थी, लेकिन सचिव हड़ताल पर बैठ गए, इससे विभाग के कुछ कामों को रोजगार सहायकों के माध्यम से किसी तरह करा रहे हैं।