अंबिकापुर. जिले में युक्तियुक्तकरण का विरोध (Protest of merging) जारी है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में सोमवार को शिक्षकों ने दावा-आपत्ति दर्ज कराई। इसके बाद मंगलवार को काउंसिलिंग होनी है, जिस पर शिक्षकों ने विसंगति का आरोप लगाकर बहिष्कार का निर्णय लिया है। बताया जा रहा है कि जिले में लगभग 250 स्कूलों को मर्ज किया गया है। जबकि 1000 से ज्यादा शिक्षक अतिशेष हैं।
सरगुजा जिले में युक्तियुक्तकरण के काउंसलिंग से पहले शिक्षकों ने बहिष्कार (Protest of merging) करने का निर्णय लिया है। सोमवार को शिक्षक संघ ने कलेक्टर से मुलाकात कर युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में कई त्रुटियां बताते हुए इसमें सुधार की मांग की है। शिक्षकों का कहना है कि युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में हॉस्टल अधीक्षकों को इस सूची से बाहर रखा गया है।
मिडिल स्कूल में कोई विषय बंधन नहीं रखा गया है, परिवीक्षा अवधि वाले शिक्षकों को अतिशेष की सूची में शामिल नहीं करना था, लेकिन किया जा रहा है। हाई स्कूल व हायर सेकेंडरी स्कूल में 2008 के सेटअप अनुसार अतिशेष काउंसलिंग का निर्देश है, लेकिन इन निर्देशों (Protest of merging) का पालन नहीं किया जा रहा है।
शिक्षकों ने कहा की युक्तियुक्तकरण विसंगतियों से भरा हुआ है, इसका कोई आधार नहीं है। नियमों का पालन किए बगैर युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है। ऐसा कर शिक्षकों की रीढ़ तोड़ी जा रही है। शिक्षकों ने मांग की है कि विसंगति को सुधार कर युक्तियुक्तकरण किया जाए।
शिक्षक साझा मंच के जिला संयोजक सर्वजीत पाठक ने कहा कि नियम विरूद्ध युक्तियुक्तकरण (Protest of merging) कर शिक्षिकों को परेशान किया जा रहा है। बार-बार अतिशेष शिक्षक आखिर मिलते कहां से हैं। उन्होंने शिक्षा अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि भ्रष्टाचार कर ट्रांसफर कर अतिशेष किया जाता है।
जिला शिक्षा अधिकारी के अमले द्वारा विसंगति की जा रही है। रविवार की रात को सूची जारी कर अगले दिन 12 बजे तक दावा-आपत्ति की बात कही जाती है, जबकि कार्यालय 11 बजे खुलता है।
कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल को मर्ज की सूचना पर आक्रोश
युक्तियुक्तकरण में शहर से लगे ग्राम करजी के कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल एवं करीब 45 वर्ष पुराने प्राइमरी स्कूल के बंद होने की सूचना पर सोमवार को करजी क्षेत्र के ग्रामीण एकजुट (Protest of merging) हो गए। फिर पंचायत के निर्वाचित प्रतिनिधियों के एक दल ने कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता के नेतृत्व में डीईओ से मुलाकात कर आपत्ति दर्ज कराई।
DEO office ग्राम करजी का कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल करीब 45 वर्ष पुराना स्कूल है, जहां पर इंटर मीडियट स्तर पर कॉमर्स और गृह विज्ञान संकाय की कक्षाएं भी लगती हैं। इस स्कूल में 219 छात्राएं पढाई कर रही हैं, जो प्रदेश सरकार कथित युक्तियुक्तकरण की नई गाइडलाइन कम छात्र संख्या वाले के विपरीत है।
कांग्रेस शासनकाल में पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने भवन के विस्तार के लिए 3 करोड़ के निर्माण कार्य की स्वीकृति दिलाई थी, जिसके काम अभी चल रहे थे। ऐसे समय में इस स्कूल को युक्तियुक्तकरण के नाम पर समायोजित कर बंद किए जाने की खबर से क्षेत्रवासी आक्रोशित (Protest of merging) हैं।
शिक्षा अधिकारी से मुलाकात में प्रतिनिधिमंडल ने उनसे निवेदन किया है कि क्षेत्रवासियों की आपत्ति पर सकारात्मक रुख दिखाते स्कूलों को बंद करने के फैसले को बदलें, अन्यथा क्षेत्रवासी आन्दोलन के लिए बाध्य होंगे।
Protest of merging: कोई भी स्कूल नहीं हुए बंद
डीईओ अशोक सिन्हा का कहना है कि शासन के निर्देश के अनुसार अगर एक ही परिसर में प्राथमिक शाला, माध्यमिक शाला, हायर सेकेंडरी स्कूल है तो उस स्कूल को मर्ज (Protest of merging) करने का निर्देश है। ताकि एक व्यक्ति पूरे स्कूल पर कंट्रोल कर सके। स्कूल बंद कोई नहीं हुए हैं।
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