अमेठी के रहने वाले शिवबहादुर ने बताया कि उनका बेटा आशीष और शिवरतन का बेटा रवि एक शादी समारोह में रात लोधन की सरैया मजरे सराय हृदयशाह गांव गए हुए थे। बारात बलभद्रपुर जामों से आई थी। बाराम में खाने के दौरान और डीजे पर मनपसंद गाना बजाने को लेकर आशीष और रवि का कुछ युवकों से विवाद हो गया। खतरे को भांपते हुए दोनों वहां से भागकर अपनी बहन के सरौली गांव को जा रहे थे। तभी, रास्ते में ही पाठक का पुरवा के पास हमलावरों ने रोककर लाठी, डंडों और हॉकी से पीट-पीटकर मरणासन्न अवस्था में कर दिया।
दोनों घायल युवकों को पहले जिला अस्पताल, फिर रायबरेली एम्स और आखिर में लखनऊ ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई। घटना के बाद गांव में सन्नाटा छा गया। पुलिस ने आशीष के पिता की तहरीर पर सात लोगों को नामजद और 6 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
सन्नाटे में बदले मंगलगीत
शादी वाले में घर में हमले की खबर रात में ही पहुंच गई। मंगलगीत की गूंज सन्नाटे में तब्दील हो गई। डीजे बंद हुआ और किसी तरह हड़बड़ी में वैवाहिक रस्म पूरी की गई। बराती वहां से चले गए और घराती अस्पताल में घायल युवकों के इलाज में जुट गए। खुशी का माहौल देखते ही देखते मातम में बदल गया।
रो-रोकर बेहोश हो रही मां
मां रो-रोकर यही कह रही थी जानती होती ऐसा होगा तो बेटे को कभी शादी में नहीं भेजती…मुझे क्या पता था मैं उसका आखिरी बार मुंह देख रहीं हूं। इतना कहते कहते सोनी बेहोश हो जाती है। भाई अजीत और बहन सुशीला का भी रो-रोकर बुरा हाल है। पिता शिव बहादुर गुमसुम हैं, जैसे पूरी दुनिया उजड़ गई हो। उधर, रवि की मां भी लोगों से कहती कोई तो मेरे बेटे का पता बता दो…आखिर कहां चला गया वो। रात में बोला था अम्मा जल्दी लौट आऊंगा। सुबह हो गई, मेरा लाल कहां है। इन लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया केस
इंस्पेक्टर श्याम नारायण पांडेय ने बताया कि शिव बहादुर की तहरीर पर जामों थाना क्षेत्र के पूरे निधान कुंवर बरौलिया निवासी दीपक पुत्र बिहारी, संदीप पुत्र ददन, शिवा पुत्र रामकुमार, गोरियाबाद निवासी मालिक पुत्र श्रीराम, बलभद्रपुर निवासी दूल्हे के चाचा का बेटा, शानू, हल्ला उर्फ लल्ला, ध्रुवे और पांच अज्ञात के खिलाफ हत्या, जानलेवा हमला व अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है।