MPPSC Success Story: मध्यप्रदेश के अशोकनगर जिले में एमपी पीएससी का रिजल्ट आने के बाद से खुशी का माहौल है। जिले के तीन युवा MP PSC क्लियर कर अधिकारी बन गए हैं। खास बात यह है कि तीनों ही ग्रामीण क्षेत्र के हैं और इनमें से अधिकारी बने दो युवा तो एक ही गांव के हैं। पीएससी में चयनित होकर अधिकारी बने इन तीनों युवाओं के संघर्ष की कहानी बेहद प्रेरणादायक है तो चलिए आपको बताते हैं इन तीनों युवाओं की सफलता की कहानी…
अशोकनगर के बहादुरपुर के इकोदिया गांव की रहने वाली 24 साल की मोना दांगी वाणिज्यिक कर निरीक्षक बन गईं हैं। मोना दांगी के पिता प्राणसिंह दांगी किसान हैं। मोना दांगी ने 12वीं तक कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल मुंगावली से पढ़ाई की, इंदौर से बीएससी व राजनीति में एमए किया है। मोना ने बताया कि 12वीं के बाद पीएससी की तैयारी करने पिता के साथ कोचिंग पहुंचीं तो वहां ढ़ाई लाख रु.फीस मांगी गई, इससे लगा कि पीएससी अपने लिए नहीं है। हालांकि कोरोना काल में जब प्रधानमंत्री से सुना कि आपदा में अवसर खोजें तो यूट्यूब से घर पर ही तैयारी शुरू की, साथ ही सामाजिक संगठन ने पीएससी का गाइडेंस किया। तो बिना कोचिंग पहले प्रयास में ही सफल हो गईं।
असिस्टेंट कमांडेंट की नौकरी छोड़ दूसरे प्रयास में बने अधिकारी
अशोकनगर जिले के पिपरई के मूडराकला गांव के रहने वाले 25 साल के आकाश धाकरे शिक्षा विभाग में सहायक संचालक बन गए हैं। आकाश के पिता प्रकाश धाकरे किसान हैं। आकाश धाकरे ने अशोकनगर से स्कूली शिक्षा ली, इसके बाद बीए किया व एमए भी कर रहे हैं। इंदौर में रहकर 2017 से परीक्षा की तैयारी शुरू की। वर्ष 2020 में सीआइएसएफ में असिस्टेंट कमांडेंट पर चयन हुआ, लेकिन उसे ज्वॉइन न कर तैयारी में जुटे रहे। कोविड के दौरान 8 महीने घर पर ऑनलाइन तैयारी की और दूसरे ही प्रयास में सफलता हासिल की। पीएससी परीक्षा 2023 व 2024 में भी उनके इंटरव्यू हैं। छोटे भाई का भी पीएससी में इंटरव्यू होना है।
पिपरई के मूडराकला गांव के ही रहने वाले 30 साल के गौरव तिवारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में खंड विकास अधिकारी बन गए हैं। गौरव के पिता रामबाबू शर्मा शासकीय शिक्षक हैं और बड़े भाई सौरभ तिवारी छिंदवाड़ा में डीएसपी हैं। गौरव तिवारी ने इंदौर से बीई की व दो साल टीसीएस में काम किया, लेकिन बड़े भाई से प्रेरणा मिली तो नौकरी छोड़ पीएससी की तैयारी में जुट गए। पांच बार परीक्षा दी व दो बार इंटरव्यू में पहुंचे, लेकिन सफल नहीं हुए तो तैयारी में जुटे रहे और छठवें प्रयास में सफल हो गए। गौरव ने बताया कि वो चार बार यूपीएससी प्री भी निकाल चुके हैं।