MP News: जिस संपदा 2.0 पोर्टल को शुरू कर रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा रोकने का शासन का दावा था, उसी पोर्टल में सुराख ढूंढ फर्जीवाड़ा हो गया। स्थिति यह है कि जो व्यक्ति अमेरिका में रह रहा है और वर्षों से देश में नहीं आया, उसकी जिले में 41 बीघा जमीन को फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कराकर बेच दिया गया। इससे विभाग में भी हडक़ंप मच गया।
मामला(Fake land registration case) जिले की पिपरई तहसील के सागरअथाई गांव का है। जहां गुजरात के बड़ोदरा जिले के गोरियाद निवासी मूलजीभाई गुजराती पिता रणछोड़ भाई पटेल की सर्वे नंबर 218/4/1 की रकबा 8.621 हेक्टेयर (करीब सवा 41 बीघा)जमीन है। मंगलवार को गांव के चंद्रपाल, बृजेंद्रसिंह, संग्रामसिंह और कड़ोरीलाल ने कलेक्टर और जिला रजिस्ट्रार से शिकायत की है कि मूलजीभाई गुजराती अमेरिका में रह रहा है और वर्षों से देश में नहीं आया, लेकिन किसी ने फर्जी मूलजीभाई गुजराती बनकर इस 8.621 हेक्टेयर भूमि की 23 अप्रेल 2025 को अशोकनगर की खालसा कॉलोनी निवासी नीतू पिता रामनरेश यादव को रजिस्ट्री कर 28 लाख 6 हजार 998 रुपए में बेच दिया।
विक्रेता की उम्र, फोटो व पता भी अलग, हो गई रजिस्ट्री
शिकायतकर्ताओं ने शिकायत के साथ मूलजीभाई गुजराती की पावर ऑफ अटॉर्नी भी अधिकारियों को दी है। 11 दिसंबर 2003 को मूलजीभाई गुजराती ने गुजरात के बड़ोदरा जिले के गोरियाद निवासी विनोदकुमार दयाभाई के नाम पावर ऑफ अटॉर्नी जारी की है, जिसमें मूलजीभाई गुजराती की उम्र उस समय 56 वर्ष दर्ज है जो अब 78 वर्ष उम्र का है। साथ ही पावर ऑफ अटॉर्नी में फोटो भी लगा है। लेकिन 23 अप्रेल 2025 को जिस मूलजीभाई गुजराती के नाम से रजिस्ट्री की गई है उसकी उम्र 50 वर्ष दर्ज है और फोटो भी अलग है, साथ ही पता भी अशोकनगर दर्ज है।
शिकायतकर्ता बोले 1984 में हमें बेची थी जमीन
सागरअथाई गांव के शिकायकर्ता चंद्रपालसिंह, बृजेंद्रसिंह, संग्रामसिंह व कड़ोरीलाल का कहना है कि मूलजीभाई गुजराती ने यह जमीन वर्ष 1984 में हमें बेची थी। जिसमें तीन लोगों ने 10-10 बीघा और एक ने पांच बीघा जमीन खरीदी थी व छह बीघा जमीन गांव के मंदिर के लिए खरीदी गई थी। लेकिन हम लोग रजिस्ट्री कराने मूलजीभाई गुजराती व विनोदकुमार दयाभाई पटेल का अमेरिका से लौटने का इंतजार ही करते रहे और यहां पर उस जमीन की फर्जी तरीके से रजिस्ट्री हो गई। जिनका कहना है कि ऐसे तो किसी की भी जमीन की फर्जी तरीके से रजिस्ट्री हो जाएगी।
यह भी खास
जिला रजिस्ट्रार के मुताबिक एक अप्रेल से रजिस्ट्री का संपदा 2.0 पोर्टल शुरू हुआ है, जिससे माना जा रहा था कि रजिस्ट्री का कोई फर्जीवाड़ा नहीं होगा।
रजिस्ट्री में विक्रेता का सिर्फ आधार नंबर लिया जाता है और उसके थंब को यूआइडी की साइट से वेरीफाई करते हैं, वेरीफाई के बाद रजिस्ट्री होती है।
जिला रजिस्ट्रार का कहना है कि यदि ऐसा हुआ तो लगता है विक्रेता ने पहले ही उस नाम से आधार बनवाया और खुद को यूआइडी में रजिस्टर्ड कराया।
संपदा 2.0 पोर्टल पर हुई रजिस्ट्री में फर्जीवाड़े की शिकायत से विभाग में भी हडक़ंप है और विभाग इसकी जांच की बात कह रहा है।
यह जांच का विषय है
शिकायत मिली है कि किसी व्यक्ति की जगह दूसरे व्यक्ति ने रजिस्ट्री की है। संपदा 2.0 पोर्टल आधार बेस्ड पहचान करता है। यदि कोई फेब्रिकेटेड आधार बनाने की कोशिश करता है तो उसका थंब यूआइडी की साइट पर मैच नहीं करेगा। यह बड़ा आश्चर्यजनक तथ्य है कि यूआइडी की साइट से थंब कैसे वेरीफाई हो गया। इसका मतलब कि उसने पहले आधार उस नाम से बनवाया व खुद को यूआइडी में रजिस्टर्ड कराया और यूआइडी ने उसे उस आधा पर परमिट किया। यह जांच का विषय है और जांच के बाद कार्रवाई करेंगे। हमे लगता था कि संपदा 2.0 ने फर्जीवाड़े (Fake land registration case)को रोक दिया है, लेकिन इस मामले से तो यह हमारे लिए भी बड़ी जांच का विषय है।- शैलेंद्रसिंह चौहान, जिला रजिस्ट्रार अशोकनगर