Prahladpuri Temple: मुल्क बंट जाने से इतिहास नहीं बंटता और ना ही मिटता है। आज प्रह्रालदपुरी मंदिर यही कह रहा है। लेकिन बंटवारा के कारण ये मंदिर आज विरान पड़ा है। इस मंदिर से होली के तार जुड़े हैं इसलिए जब रंगों का त्योहार होली आता है तो ये मंदिर चर्चा का केंद्र बन जाता है। पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू यहां होली पर पूजा-पाठ करके होली मनाना चाहते हैं। लेकिन, सुरक्षा कारणों से दिक्कत होती है। इसलिए इस साल भी यहां के हिंदू संगठन ने पाकिस्तान सरकार से सुरक्षा की मांग की है। इसी बहाने चलिए होली के मौसम में हम पाकिस्तान के प्रह्लादपुरी मंदिर का इतिहास जानते हैं।
आपके मन में ये सवाल उठ सकता है कि क्या पाकिस्तान में होली मनाई जाती है? इसका जवाब हां है। पाकिस्तान में हिंदू आबादी करीब 2 प्रतिशत है। साथ ही अधिकतर हिंदू सिंध प्रांत में रहते हैं। जहां हिंदुओं की आबादी अधिक है वहां पर पाकिस्तान में होली मनाने की अनुमति है। साल 2016 के बाद पाकिस्तानी हिंदुओं को होली पर छुट्टी भी मिलती है। अब ये साफ हो चुका है कि पाकिस्तान में होली मनाई जाती है। चलिए इस मंदिर और होली का कनेक्शन समझ लेते हैं।
प्रह्रालदपुरी मंदिर का होली कनेक्शन समझिए
प्रह्रालदपुरी मंदिर, आप नाम से समझ सकते हैं कि प्रह्लाद है। होली को लेकर पौराणिक कथाओं में भक्त प्रह्लाद का जिक्र है और होलिका दहन की कहानी भी है। ये बात हम सब जानते हैं। हिंदू देवता नरसिंह को ये समर्पित मंदिर बताया जाता है। चूंकि, नरसिंह और प्रह्लाद की कहानी होली से जुड़ी है। इसलिए ऐसा माना जाता है कि ये इकलौता प्रथम प्रह्लाद का मंदिर है। इसलिए ये कहा जाता है कि इस मंदिर से होली मनाने की शुरुआत हुई थी।
हिरण्यकश्यप मुल्तान के प्राचीन राजा थे
ये मंदिर पाकिस्तान के मुल्तान में है। आपको बता दें कि प्रह्लाद के पिता हिरण्यकश्यप मुल्तान के प्राचीन राजा थे। इस इतिहास के बाद भी ये बात स्पष्ट हो जाती है कि इसी मंदिर से होली मनाने की शुरुआत की गई होगी।
5 हजार साल पुराना है प्रह्रालदपुरी मंदिर
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वहां स्थानीय हिंदू महिला ने इसके इतिहास को लेकर कई बातें बताई। साथ ही ये भी बताया कि साल 1861 में बनाया गया था। ये भी कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण प्रह्लाद ने भगवान नरसिंग के लिए कराया था।
बाबरी विध्वंस के बाद इस मंदिर पर हुआ हमला
बताया जाता है कि साल 1992 तक ये मंदिर सही था लेकिन जब भारत में बाबरी मस्जिद को गिराया गया तब इस मंदिर पर भी हमला किया गया। आज ये मंदिर खंडहर बन चुका है। इस मंदिर को फिर से बनवाने के लिए हिंदू संगठन अक्सर पाकिस्तान सरकार से मांग करते रहते हैं। पाकिस्तान सरकार ने मंदिर के लिए 50 लाख रुपए आवंटित किए थे।