भजन-भोजन से दिन की शुरुआत
अयोध्या के घर-घर में प्राचीन मंदिर मौजूद हैं। पेइंग गेस्ट सिस्टम में मेहमान को सुबह चाय के बाद घर में बने मंदिर में दर्शन करवाए जाते हैं। भगवान को भोग लगाकर उसे ही भोजन में परोसा जाता है। ऐसे भक्तिमय ट्रीटमेंट से आध्यात्म की नगरी में आए मेहमानों का उत्साह और आनंद दोगुना हो जाता है। इसी तरह से रामनवमी, रामजानकी विवाह, विजयादशमी और दीपावली आदि पर्व-त्योहारों पर उत्सव का आनंद बढ़ जाता है।चार हजार ई-रिक्शा से मिला रोजगार
अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को राम मंदिर तक पहुंचाने के लिए फिलहाल सार्वजनिक परिवहन सेवा के नाम पर बाइक, ई-रिक्शा और ऑटो रिक्शा ही है। ऐसे में रेल और रोडवेज से आने वाले यात्रियों को मंदिर, होटल, गेस्ट हाउस तक पहुंचाने के लिए स्थानीय युवाओं ने बाइक पर पहुंचाना शुरू कर दिया है। पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों के अनुसार शहर में पहले 4-5 सौ बैटरी रिक्शा चल रहे थे। महाकुंभ के दौरान करीब 4 हजार बैटरी रिक्शा संचालित होने लगे है। महाकुंभ के दौरान इन रिक्शा चालकों ने प्रतिदिन दो हजार रुपए तक कमाई की है।12-15 हजार कमरे उपलब्ध
22 जनवरी 2024 को प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व पर्यटन विभाग ने करीब 800 लोगों को होम स्टे का लाइसेंस जारी किया था। महाकुंभ के दौरान दो हजार से अधिक लाइसेंस जारी होने से होटलों के अलावा 12-15 हजार कमरे उपलब्ध कराए गए हैं।अरूण कुमार अग्रवाल, उप सचिव, अयोध्या होटेलियर एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश