Bahraich News: यूपी के
बहराइच जिले के नगर पंचायत पयागपुर के अध्यक्ष बालेंद्र श्रीवास्तव उर्फ विपिन के खिलाफ शासन स्तर से जांच चल रही थी। कहां जा रहा है की जांच से बचने के लिए नगर पंचायत अध्यक्ष ने सीएचसी अधीक्षक से तालमेल करके फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनवा लिया। मेडिकल प्रमाण पत्र पर शंका होने के कारण शासन स्तर से इसकी जांच हुई। जिसमें मेडिकल प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया। इसके बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने दोनों के खिलाफ पयागपुर थाने में केस दर्ज कराया है।
सीडीओ और सीएमओ की जांच में मेडिकल प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया
पयागपुर नगर पंचायत अध्यक्ष को शासन से वर्ष 2023 में नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया था। दरअसल पूर्व में हुई शिकायतों की जांच में वह दोषी पाए गए थे। लेकिन शासन स्तर की नोटिस का जवाब ना देना पड़े। इसके लिए उन्होंने तत्कालीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक विकास सोनी से ताल मेल कर फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनवा लिया। इस मेडिकल रिपोर्ट में बेड रेस्ट का सुझाव दिया गया। मेडिकल प्रमाणपत्र के फर्जी होने की आशंका पर आयुक्त ने सीडीओ मुकेश चंद्र व सीएमओ डॉ. संजय शर्मा के नेतृत्व में टीम गठित कर इसकी जांच करवाई। सीडीओ की जांच में मेडिकल रिपोर्ट फर्जी पाए जाने पर सीएमओ ने केस दर्ज करवाया है। Gonda: आयुक्त कड़ा एक्शन, इन चार जिलों में जल जीवन मिशन के तहत बनी पानी टंकियां के गुणवत्ता की होगी जांच
सीएचसी अधीक्षक ने मेडिकल रिपोर्ट बनाने के लिए बनाया नया रजिस्टर
मेडिकल रिपोर्ट की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है।जांच के दौरान ओपीडी रजिस्टर में बालेंद्र श्रीवास्तव का नाम अंकित नहीं मिला। वहीं सीएचसी अधीक्षक डॉ. विकास सोनी ने बालेंद्र श्रीवास्तव का नाम अंकित करने के लिए नया रजिस्टर बनाया था। यही नहीं जब सीएचसी के परचे की जांच की गई तो वह एक महिला के नाम अंकित मिला। फिलहाल केस दर्ज होने के बाद दो विभागों में हड़कंप मच गया है।