गेट पर चढकऱ की नारेबाजी
बताया गया कि एलएलबी की पढ़ाई करने की सोच रहे ज्यादातर छात्र-छात्राएं पीजी कॉलेज में एडमिशन दिए जाने की मांग कर रहे हैं। कॉलेज प्रबंधन पीजी कॉलेज की जगह उन्हें बिना मान्यता वाले विधि महाविद्यालय के नाम से प्रवेश दिए जाने की बात कह रहा है। विद्यार्थी भ्रम की स्थिति में है। इस मुद्दे पर ही एनएसयूआई ने कॉलेज परिसर में जमकर हंगामा मचाते हुए कॉलेज के गेट पर चढकऱ जमकर नारेबाजी की। पदाधिकारियों का आरोप है कि कॉलेज प्रबंधन जिस विधि महाविद्यालय के विधि संकाय में बच्चों का प्रवेश कराए जाने की बात कह रहा है। उस विधि महाविद्यालय को बार काउंसलिंग ऑफ इंडिया से मान्यता नहीं है। लेकिन कॉलेज की ऑफिशियली वेबसाइट पर विधि महाविद्यालय के नाम से एलएलबी में 120 सीट रिक्त दिखाई जा रही है। जबकि पीजी कॉलेज के नाम से वर्ष 2028 तक का शुल्क महाविद्यालय ने जमा किया हुआ है। पीजी कॉलेज को बार काउंसलिंग ऑफ इंडिया से मान्यता भी है। बावजूद इसके पीजी महाविद्यालय में विधि संकाय की एक भी सीट नहीं दिख रही है। छात्र-छात्राएं भ्रम की स्थिति में है। जिन्हें चिंता है कि बिना मान्यता वाले विधि कॉलेज से मिलने वाली मार्कशीट से भविष्य में कोई परेशानी ना आ जाए। विद्यार्थी इस बात को लिखित में दिए जाने की मांग कर रहे हैं।
छात्रवृत्ति और बिल्डिंग पर भी सवाल
एनएसयूआई छात्र नेता शुमेद बंसोड़ और शिवम शर्मा ने ग्राम डोंगरिया में विधि महाविद्यालय की बिल्डिंग न बनने को लेकर भी सवाल उठाए हैं। पदाधिकारियो का आरोप है कि अब तक विधि महाविद्यालय के नाम से बिल्डिंग भी बनकर तैयार नहीं हुई है, तो विधि महाविद्यालय के नाम से एडमिशन कैसे लिया जा रहा है। छात्रों ने छात्रवृत्ति ना मिलने को लेकर भी अपना आक्रोश व्यक्त किया।
तो करेंगे तालाबंदी
एनएसयूआई जिला प्रभारी ऋषभ सहारे ने बताया कि उनके द्वारा एलएलबी विषय का मुद्दा उठाया गया है। अलग-अलग किस्तों में 21 लाख रुपए बार काउंसलिंग ऑफ इंडिया को दिए जा चुके हैं। वर्ष 2028 तक की मान्यता पीजी कॉलेज को मिली है। जब कॉलेज को 2028 तक की मान्यता है तो फिर पीजी कॉलेज में एलएलबी संकाय बंद क्यों किया जा रहा है। इसी मांग को लेकर ज्ञापन सौपा है। यदि जल्द से जल्द से मांग पूरी नहीं होती तो हम कानून को हाथ में लेने से भी पीछे नहीं हटेंगे। आने वाले दिनों में कॉलेज में आंदोलन कर तालाबंदी कर देंगे।