CG Electricity Bill: कांग्रेस करेगी प्रदर्शन
उक्त बातें राजीव भवन में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर प्रेसवार्ता में जिलाध्यक्ष चन्द्रेश हिरवानी ने कही। सर्वाधिक बढ़ोतरी कृषि पंप के बिजली के दाम में 50 पैसे प्रति यूनिट की गई है।
छत्तीसगढ़ के किसान सरकार की दुर्भावना और उपेक्षा के चलते पहले ही खाद, बीज और बिजली कटौती से परेशान हैं, अब कृषि पंप में बिजली की दर बढ़ाकर कमर तोड़ रही है। पूर्व में 2003 से 2018 तक भाजपा की पूर्ववर्ती रमन सरकार ने हर साल बिजली के दामों में वृद्धि की।
उन्होंने बताया कि 2003 में छत्तीसगढ़ में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 3 रुपए 30 पैसे के दर पर बिजली मिला करती थी, जिसे 15 साल के कुशासन के बाद रमनसिंह के समय ही 6 रुपए 40 पैसे तक बढ़ाया गया, जिसे चुनाव चुनावी वर्ष 2018 में मात्र 20 पैसे घटाकर 6 रुपया 20 पैसे किया गया।
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पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने बिजली के घाटे को पाटते हुए बिजली बिल हाफ योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 65 लाख से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं को लगभग 3240 करोड़ रुपए की सब्सिडी देकर राहत दी थी। किसानों को 5 एचपी तक नि:शुल्क बिजली, बीपीएल उपभोक्ताओं को 40 यूनिट तक मुफ्त बिजली दी गई। अस्पतालों, उद्योगों को सब्सिडाइज्ड दर पर बिजली देकर राहत पहुंचाई। भाजपा की सरकार आने के बाद प्रदेश भर में बिजली की कटौती शुरू हो गई और कीमत लगातार बढाई जाने लगी है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता, मंत्री, विधायक और अधिकारी एसी का मजा लूट रहे हैं। कई सरकारी विभाग बिजली का बकाया बिल जमा नहीं कर रहे हैं। जिसके चलते हो रहे नुकसान की भरपाई भी जनता से वसूली कर की जा रही है। प्रदेशभर से अनाप-शनाप बिजली बिल आने की शिकायत लगातार आ रही है।
स्मार्ट मीटर के नाम पर अधिक बिल उपभोक्ताओं को भेजा जा रहा है। अब तो जनता को लूटने के लिए अडानी की कंपनी का प्रीपेड मीटर भी लगाने की तैयारी है। इस दौरान महामंत्री रत्तीराम कोसमा, पुरुषोत्तम पटेल, मिथलेश निरोटी, कमलेश श्रीवास्तव, अंचलप्रकाश साहू, अनिल चेनानी उपस्थित थे।