scriptCG News: थानों में चार हजार वाहन जब्त पड़े, नीलामी नहीं होने से 2007 के पहले से पड़ेवाहन बने कबाड़ | Four thousand vehicles are seized in police stations, vehicles lying before 2007 have become | Patrika News
बालोद

CG News: थानों में चार हजार वाहन जब्त पड़े, नीलामी नहीं होने से 2007 के पहले से पड़ेवाहन बने कबाड़

CG News: थाने में लगभग 4 हजार से अधिक वाहन जब्त हैं। इन्हें छुड़वाने न तो वाहन मालिक पहुंच रहे और न ही पुलिस प्रशासन नीलामी कराने को तैयार है। इससे वाहन खराब हो रहे हैं और राजस्व की भी क्षति हो रही है।

बालोदJun 30, 2025 / 02:18 pm

Love Sonkar

CG News: थानों में चार हजार वाहन जब्त पड़े, नीलामी नहीं होने से 2007 के पहले से पड़ेवाहन बने कबाड़

थानों में चार हजार वाहन जब्त पड़े (Photo Patrika)

CG News: बालोद जिला बनने के दस साल बाद भी जिले के 16 थानों में से 13 थाने व चार चौकी में विभिन्न अपराधों में उपयोग और दुर्घटनाग्रस्त जब्त वाहन पड़े हैं। उनकी आज तक नीलामी नहीं हो सकी है। वाहन कबाड़ में तब्दील हो गए हैं। वाहनों की नीलामी जिला बनने के पहले से नहीं हुई है।
यह भी पढ़ें: अवैध रेत खनन पर कसता शिकंजा, उत्खनन मशीन समेत 7 हाईवा वाहन जब्त, माफियाओं में मचा हड़कंप

थाने में लगभग 4 हजार से अधिक वाहन जब्त हैं। इन्हें छुड़वाने न तो वाहन मालिक पहुंच रहे और न ही पुलिस प्रशासन नीलामी कराने को तैयार है। इससे वाहन खराब हो रहे हैं और राजस्व की भी क्षति हो रही है। इनमें दो और चार पहिया वाहन शामिल हैं।
गाड़ियों की नीलामी की लंबी प्रकिया होती है। इस प्रकिया से गुजरने और जवाबदेही तय होने के कारण कोई थानेदार जल्दी यह नहीं चाहता है कि उसके समय में नीलामी हो। मुकदमें से जुड़े वाहनों की नीलामी मुकदमा समाप्त होने के बाद होती है। नीलामी के दौरान उस समय की स्थिति में कीमत तय करने की भी चुनौती होती है। काफी इंतजार के बाद भी जब मालिक नहीं आता है, तब न्यायिक प्रक्रिया शुरू की जाती है। इसमें काफी समय लगता है।
नीलामी प्रक्रिया चल रही है

पुलिस विभाग के मुताबिक जिले के थानों में विभिन्न अपराधों में उपयोग किए गए वाहनों को जब्ती बनाकर रखा गया है। उनकी नीलामी प्रक्रिया चल रही है। प्रक्रिया पूर्ण होने पर उच्च अधिकारियों के निर्देश पर नीलामी की जाएगी।
बालोद थाना में 2007 के पहले से पड़े हैं वाहन

जिला मुख्यालय के कोतवाली थाना में 2007 के पहले से वाहन जब्त कर रखे गए हैं। वर्तमान में पूरा थाना परिसर कबाड़ वाहनों से भर चुका है। इन वाहनों के पेट्रोल-डीजल असामाजिक तत्वों ने निकाल लिया है।
वाहनों को सुरक्षित रखने इंतजाम नहीं

थानों में लगभग लावारिस हालत में वाहन सड़ रहे हैं। वाहनों की देखरेख की जिमेदारी पुलिस प्रशासन की होती है, लेकिन देखरेख के अभाव में वाहनों की हालत खस्ता हो चुकी है। पुलिस अफसर बताते हैं कि दशकों से वाहनों की नीलामी नहीं हुई है। यही कारण है कि थानों में वाहन से कई पार्ट्स गायब हैं तो कई के टायरों को दीमक खा गया है।
वाहनों की नीलामी के लिए ये हैं नियम

नियमानुसार लावारिस अवस्था में जब्त वाहन के छह माह बाद निस्तारण की प्रक्रिया शुरू की जानी होती है। वाहन बरामद होने पर पुलिस पहले उसे धारा 102 के तहत रिकॉर्ड में लेती है। इसके बाद न्यायालय में जानकारी दी जाती है। एसडीएम न्यायालय के निर्देश पर सार्वजनिक स्थानों पर पंपलेट आदि चिपका कर या समाचार पत्रों के माध्यम से उस वाहन से संबंधित जानकारी सार्वजनिक करने का प्रावधान है, ताकि वाहन मालिक अपना वाहन वापस ले सके। इसके बाद एसडीएम नीलामी के लिए आदेशित करते हैं।

Hindi News / Balod / CG News: थानों में चार हजार वाहन जब्त पड़े, नीलामी नहीं होने से 2007 के पहले से पड़ेवाहन बने कबाड़

ट्रेंडिंग वीडियो