Patrika Mahila Suraksha: पहले महिलाओं का शाम को घर से निकलना था मुश्किल
महिला कमांडो की अध्यक्ष जागेश्वरी देशमुख ने बताया कि गांव में पहले खुलकर शराबखोरी होती थी। चौक-चौराहे पर लोग शराब पीते, और गाली-गलौज करते दिखाई देते थे। शाम के समय महिलाएं नल में पानी भरने तक नहीं जा सकती थीं।
गश्त की मांगी अनुमति, गांव के प्रमुखों की मिली सहमति
उन्होंने बताया कि शराबियों को हुड़दंग की जानकारी
महिलाओं ने ग्राम प्रमुखों को दी। उनसे शराबखोरी और हुड़दंग रोकने गश्त की अनुमति मांगी। ग्राम प्रमुखों और ग्रामीणों ने भी साथ दिया। 2011 में महिला कमांडो का गठन किया गया। अब गांव में खुशहाली है।
पुलिस विभाग ने किया था सम्मानित
उन्होंने बताया कि 2014-15 में पुलिस विभाग ने महिला कमांडो को बेहतर कार्य के लिए सम्मानित किया था। इसके बाद वे पद्मश्री से सम्मानित शमशाद बेगम से मिलीं। उन्होंने
महिला कमांडो को प्रशिक्षण दिया। तब से महिला कमांडो सक्रियता से काम कर रही हैं।
ये है महिला कमांडो की सदस्य
गांव की
महिला कमांडो में जागेश्वरी देशमुख, दुलारी बाई यादव, देवकी गोस्वामी, गायत्री यादव, शत्रुपा यादव, प्रताशा ठाकुर, सरस्वती देशमुख, किरण ठाकुर, तारा सोनवानी, यामनी देशमुख, रमती देशमुख शामिल हैं।
हर गांव अपराध व शराब से मुक्त हो
पद्मश्री शमशाद बेगम ने कहा कि जिले के हर गांव में महिला कमांडो हैं। शांति व्यवस्था बनाने काम कर रही है। महिला कमांडो के गठन के बाद से कई गांवों में अपराधों में बहुत कमी आई है। हमारी कोशिश है कि ग्राम पापरा की तरह हर गांव में शराबखोरी व अपराध पर लगाम लगे।