CG Temple: विधिवत स्थापना की, नया मंदिर बनवाया
जब यहां की खुदाई करवाई गई, तो वह पत्थर एक शिवलिंग निकला। इसके बाद गांववालों ने प्रशासन की मदद से वहां शिवलिंग की विधिवत स्थापना की और एक नया मंदिर बनवाया। (
Sawan 2025) सोमवार को यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के उमड़ने की संभावना है। यहां सावन के हर सोमवार विशेष पूजा और जलाभिषेक होता है। यहां एक और प्राचीन मंदिर भी है। इसकी स्थापना के बारे में गांव के बुजुर्गों के पास भी खास जानकारी नहीं है।
कई दुर्लभ मूर्तियां हो चुकी है चोरी
यह पूरा मंदिर लाल पत्थरों से बना है। इसमें भीतर की ओर नक्काशीदार सीढ़ियां हैं। दुर्भाग्यवश, मंदिर का रखरखाव न होने के कारण यहां गंदगी फैल गई है। कई दुर्लभ मूर्तियां चोरी भी हो चुकी हैं। इनमें से दो मूर्तियां बरामद हुई हैं। एक राजनांदगांव-महाराष्ट्र सीमा पर और दूसरी मस्तुरी थाना क्षेत्र से। तीसरी मूर्ति अब तक नहीं मिल पाई है।
चारों ओर ऊंचे टीलों से कल्चुरी काल का अंदाजा
रामपुर मंदिर के नाम पर राजस्व रेकॉर्ड में 17-18 एकड़ जमीन दर्ज है। मंदिर के आसपास कई ऊंचे टीले मौजूद हैं। इन्हीं को देखकर अनुमान लगाया जाता है कि इस क्षेत्र में कल्चुरी काल के दौरान कभी कोई महल या किला रहा होगा। ग्रामीणों का दावा है कि जब नए शिव मंदिर के लिए कॉलम की खुदाई की गई थी, तब 8 से 10 फीट गहराई में पत्थरों की दीवार जैसी संरचना सामने आई थी। इस आधार पर गांववालों का कहना है कि यहां महल रहा होगा। पीछे की ओर बने एक कुएं से सुरंग शिवनाथ नदी तक जाती थी, जिसके बारे में माना जाता है संकट के समय वह राजा के अंडरग्राउंड होकर निकलने का रास्ता था।
सावनभर उमड़ती है भक्तों की भीड़, हर सोमवार को खास तरीके से पूजन
सावन के प्रत्येक सोमवार यहां विशेष आयोजन होते हैं। सैकड़ों कांवरिए शिवनाथ नदी का जल लेकर इस मंदिर में भगवान का जलाभिषेक करने आते हैं। अन्य महीनों में यह मंदिर अपेक्षाकृत शांत रहता है। सावन में पूजन-भजन, विशेष आरती के साथ मंदिर परिसर भक्तिमय माहौल में डूबा रहता है। मंदिर के रहस्यमयी टीलों और प्राचीन संरचना को देखते हुए ग्रामीणों की मांग है कि पुरातत्व विभाग यहां खुदाई कराए। ऐतिहासिक तथ्यों को उजागर करे। ग्रामीणों का मानना है कि रामपुर के इस मंदिर क्षेत्र में इतिहास के कई अनसुने किस्से छिपे हैं।