केइए Karnataka Examination Authority की इंजीनियरिंग टीम ने यह तकनीक विकसित की है। रिक्त पदों के लिए चार दिवसीय भर्ती परीक्षा के दौरान शनिवार को इसका परीक्षण हुआ। अधिकारियों के अनुसार पायलट परियोजना सफल रही। यह नई तकनीक नकल रोकने में सफल है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि केवल वास्तविक उम्मीदवार ही परीक्षा दे सकें।
कार्यान्वयन के पहले दिन, सुबह के सत्र में 74 उम्मीदवार उपस्थित हुए और दोपहर के सत्र में 267 ने भाग लिया।केइए के कार्यकारी निदेशक एच. प्रसन्ना ने बताया कि एआइ-आधारित इस सत्यापन प्रणाली को अन्य परीक्षाओं में भी लागू करने की योजना है। यह प्रणाली मोबाइल ऐप के माध्यम से परीक्षा हॉल में प्रवेश करते समय उम्मीदवारों की तस्वीरें कैप्चर करती है। इन तस्वीरों को आवेदन प्रक्रिया के दौरान उपलब्ध कराई गई तस्वीरों से तुरंत सत्यापित किया जाता है। केइए के सर्वर से वास्तविक समय में जुड़ा यह सिस्टम उम्मीदवारों की प्रमाणिकता की पुष्टि करता है। इसके बाद ही उम्मीदवार को परीक्षा में बैठने की अनुमति मिलती है।