फर्म का दावा है कि जैसे ही एलओआइ हासिल होगा 6 माह में काम शुरू कर दिया जाएगा। खनन करने से पहले कई एनओसी लेनी होगी। साथ ही जमीनों का अधिग्रहण और अन्य काम होने हैं। गौरतलब है 6 मार्च 2024 को सरकार ने खनन के लिए नीलामी की थी। इसके लिए 5 फर्म ने हिस्सा लिया।
सोना निकलने में लगेंगे 4-5 साल
घाटोल क्षेत्र के भूकिया व काकरिया में 943 हेक्टेयर में खनन होगा। स्वर्ण भंडार की जानकारी सामने आने के बाद खनन कंपनी तय करने में करीब 33 साल का समय लग गया, वहीं सोना निकलने में करीब 4 से 5 साल और लगेंगे। साथ ही बांसवाड़ा स्वर्ण खनन करने वाले देश के 4 चुनिंदा राज्यों में शामिल हो जाएगा। बांसवाड़ा में सोना रेत के छोटे-छोटे कण रूप में मिला है। वर्ष 1990-91 में यहां का सर्वे किया था। इसमें स्वर्ण के संकेत मिले थे। इस पर 69.658 वर्ग किमी के तीन ब्लॉक एक्सप्लोरेशन के लिए आरक्षित कर भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया गया। एक्सप्लोरेशन के दौरान 15 ब्लॉकों में 171 बोर होल्स में 46037.17 मीटर ड्रिलिंग की गई थी। विश्लेषण से पता चला कि 14 ब्लॉकों में 1.945 ग्राम प्रति टन के लगभग 114.76 मिलियन टन सोने के भंडार मौजूद है।
14 वर्ग किमी में भंडार
भुकिया-जगपुरा के 14 वर्ग किमी में स्वर्ण भंडार है। यहां अन्वेषण में 114.76 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क में स्वर्ण धातु की मात्रा 222.39 टन आंकी गई है। 1 लाख 74 हजार टन से अधिक तांबा और 9700 टन से अधिक निकल और 13500 टन से अधिक कोबाल्ट भी निकलेगा।
बांसवाड़ा में स्वर्ण खनन को लेकर सभी प्रकार की कार्यवाही मुख्यालय से ही की जाएगी। फर्म ने 100 करोड़ रुपए जमा कर दिया है। अब फर्म को एलओआइ जारी होनी है। इसके बाद ही फर्म आगे का कार्य शुरू कर पाएगी।- गौरव मीणा, खनिज अभियंता