Rajasthan: 80-80 हजार रुपए देकर खरीदी नामी यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्रियां, बन गए सरकारी अध्यापक, 2 पीटीआई गिरफ्तार
Fake Degree: राजस्थान में बीपीएड की फर्जी डिग्री लगाकर सरकारी अध्यापक बनने का मामला सामने आया है। पुलिस ने 2 शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों को गिरफ्तार किया है। यह डिग्रियां रायपुर के एक नामी विश्वविद्यालय के नाम से जारी की गई हैं। पूरा मामला साल 2018 का है।
बांसवाड़ा। बीपीएड की जाली डिग्री पेश कर राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSSB) की शारीरिक प्रशिक्षण अनुदेशक भर्ती परीक्षा 2018 पास होने के बाद सरकारी नौकरी हासिल करने के मामले में नया खुलासा हुआ है। प्रकरण में गिरफ्तार 2 पीटीआई को डिग्री दिलाने वाले बिचौलिए ने 80-80 हजार रुपए में बांसवाड़ा शहर के प्रेम नाम के शख्स के जरिए यह खेला किया था।
यह तथ्य पुलिस रिमांड पर चल रहे आरोपियों से पूछताछ में गढ़ी पुलिस के सामने आया। प्रकरण में पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर की फर्जी डिग्री से नियुक्त परतापुर निवासी मनीष कुमार पुत्र हरिराम वसीटा और गढ़ी क्षेत्र के ही बोदिया निवासी कमलेश पाटीदार पुत्र रमणलाल पाटीदार की गिरफ्तारी के बाद इनसे पता चला था कि फर्जी डिग्रियां गढ़ी निवासी प्रमोद कुमार पुत्र अंबालाल ने उपलब्ध कराई थी।
80 हजार देने पर मिली थी हूबहू डिग्री
इस पर अनुसंधान अधिकारी सीआई रोहित कुमार ने शुक्रवार को प्रमोद को भी गिरफ्तार किया। तीनों को पुलिस ने कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया। अब तक की पूछताछ में प्रमोद ने वसीटा और पाटीदार की डिग्रियां बांसवाड़ा के प्रेम नाम के व्यक्ति से 80-80 हजार रुपए में बनवाना बताया। दोनों डिग्रियां हुबहू दिखने पर 80 हजार रुपए देकर उसने अपने लिए भी डिग्री बनवाना कबूल किया। इस नए खुलासे पर पुलिस अब प्रेम की तलाश में है।
तस्दीक के लिए रायपुर जाएगी टीम
सीआई ने बताया कि फर्जी डिग्री प्रयुक्त कर राज्य सरकार, कर्मचारी चयन बोर्ड और शिक्षा विभाग के साथ जालसाजी के गंभीर मामले में दस्तावेजों की तस्दीक के लिए अब थाने की एक टीम छत्तीसगढ़ के पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर भेजी जाएगी।
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