यह था मामला राजस्थान पत्रिका ने इलाके में हो रहे अवैध खनन का मामला प्रमुखता से उठाया था। कस्बे में पिछले कई सालों से बड़े पैमाने पर अवैध पत्थर का उत्खनन जोरों से किया जा रहा है। कई सालों से पत्थर का खनन होने की जानकारी स्थानीय प्रशासन से लेकर जिला प्रशासन को भी है। लेकिन अधिकारियों और कर्मचारियों ने आज तक एक ट्रैक्टर ट्रॉली अवैध खनन का नहीं पकड़ा है।
अच्छी मात्रा में निकलता है पत्थर सनवाड़ा तलाई में यहां प्रतिदिन सुबह 8 बजे से देर रात तक पत्थर का खनन किया जाता है। खदान चलाने के लिए सरकार से किसी तरह की कोई लीज नहीं ली गई है। न ही इसकी कोई अनुमति है। सर्वाधिक खनन सनवाड़ा रोड के पास स्थित तलाई है या फिर वन विभाग की जमीनें हैं। यहां पर माफिया ने बड़े पैमाने पर खनन कर खंदक और खाइयां बना दी हैं। दरअसल यहां पर अच्छी मात्रा में पत्थर निकलता है। तलाई में अवैध पत्थर उत्खनन की वजह से जहां तहां बड़े-बड़े गड्ढे निकल आए हैं। जमीन पूरी तरह से ऊबड़ खाबड़ और बंजर हो गई है। कई जगह गहरे गड्ढे हो गए हैं।
इनको किया एसआईटी में शामिल प्रशासन ने इस मामले पर कार्रवाई के लिए जिला पुलिस अधीक्षक, उपवन संरक्षक, उपखंड मजिस्ट्रेट शाहाबाद, पुलिस उपाधीक्षक शाहाबाद, जिला परिवहन अधिकारी बारां, वन विभाग शाहाबाद के रेंजर, सहायक खनि अभियंता और अतिरिक्त जिला मजिस्टे्रेट बारां को अग्रिम कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
अधिकारियों के निर्देश के अनुसार कार्रवाई करेंगे। वन भूमि पर अवैध खनन करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा, जो भी दोषी होगा कार्रवाई करेंगे। राजेंद्र मेघवाल, रेंजर शाहाबाद मुझे अब तक आदेश नहीं मिला है। अभी तो में सीताबाडी मेले के निरीक्षण में था। हम टीम संहित आते हैं। वहां निश्चित तौर पर कार्रवाई करेगे।
मुकेश मीणा, एसडीएम शाहाबाद