20 बेड रिजर्व लगाए जिला अस्पताल में लू-तापघात के मरीजों के लिए अलग से वार्ड तैयार किया गया। वार्ड को वातानुकूलित रखने के लिए एयर कंडिशनर लगाया गया है तथा बर्फ का इंतजाम भी किया हुआ है, लेकिन फिलहाल इस तरह के मरीज नहीं आने से वार्ड में मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। अस्पताल सूत्रों का कहना है कि गत वर्ष करीब 20 मई से 6 जून तक को पीक सीजन रहा था। इस दौरान लू तापघात से संबंधित मरीज आए थे। इस दौरान खून की कमी, थकान, कमजोरी आदि की शिकायत लेकर भी लोग पहुंचते है।
पानी पीयें, धूप से बचें चिकित्सकों के अनुसार गर्मी के मौसम में बीमारियों से बचाव के लिए एहतिया बरतने की आवश्यकता है। धूप में बाहर निकलने से बचे। आवश्यकता होने से घरों से बाहर निकले तो सिर को ढककर रहे। पूरी बाह के और ढीले ढाले कपड़े पहने। गर्मी के दिनों में शरीर को हाइड्रेटेड रखने की विशेष जरूरत रहती है। इससे खूब पानी, छाछ आदि तरल पदार्थ लेवें। ढीले-ढाले कपड़े पहने। गर्मी के दौरान साफ-सुथरा भोजन करें और व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें। बच्चों को भी खूब पानी पिलाए और उन्हें धूप में खेलने से बचाए।
अस्पताल में मौसमी बीमारियों को लेकर दवा आदि का पर्याप्त इंतजाम किया हुआ है। लू-तापघात का 20 बेड का वार्ड तैयार किया हुआ है। पेट दर्द, उल्टी, दस्त के सामान्य मरीज तो आ रहे है, लेकिन फिलहाल जिले में हीट स्ट्रोक के मरीज नहीं आ रहे है। थकावट और हीट स्ट्रोक के लक्षण महसूस होने पर तुरंत चिकित्सक को दिखाना चाहिए।
डॉ. नरेन्द्र मेघवाल, पीएमओ, जिला अस्पताल