मोहल्ले का लड़का संदिग्ध, पुलिस तलाश में जुटी
शरीर पर संघर्ष के कोई निशान नहीं मिलने से पुलिस का शक परिचित पर गहराता जा रहा है। जांच में पता चला है कि बच्ची की नजदीकी मोहल्ले के ही एक युवक से थी, जिसके साथ 15 दिन पहले परिजनों का विवाद हुआ था। घटना के बाद से ही वह युवक फरार है, जिसे पकड़ने के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है।क्या है पूरा मामला?
शाहजहांपुर के थाना पुवायां क्षेत्र के गांव का दलित दंपति बीते दो सालों से बरेली के फरीदपुर में किराए पर रह रहा था। बच्ची की मां प्लाईवुड फैक्ट्री में मजदूरी करती थी, जबकि पिता भी दिहाड़ी मजदूरी करता था। होली के दिन माता-पिता रिश्तेदारी में गए थे, और बच्ची घर में अकेली थी। शाम को पड़ोसियों ने बच्ची का शव कमरे में पड़ा देखा और तत्काल परिजनों को सूचना दी। शुरुआती बयान में माता-पिता ने मौत का कारण पेट दर्द बताया, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने मामले की गंभीरता को उजागर कर दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म और गला घोंटकर हत्या की पुष्टि हुई है। इसके अलावा, बच्ची के शरीर में नशीले पदार्थ के संकेत भी मिले हैं, जिससे आशंका है कि उसे पहले नशा दिया गया और फिर वारदात को अंजाम दिया गया।परिजन क्यों नहीं कर रहे शिकायत?
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि बच्ची के माता-पिता ने किसी पर भी कोई आरोप नहीं लगाया और पोस्टमार्टम के बाद बिना किसी शिकायत के शव लेकर गांव लौट गए। पुलिस की जांच में सामने आया कि 15 दिन पहले बच्ची की नजदीकी को लेकर मोहल्ले के एक लड़के से विवाद हुआ था। इसके बावजूद माता-पिता ने इस बारे में पुलिस को कोई जानकारी नहीं दी। उनकी चुप्पी की वजह का भी पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है।पुलिस की जांच और कार्रवाई
एसएसपी अनुराग आर्य ने इस गंभीर मामले की जांच के लिए एसओजी, सर्विलांस और लोकल पुलिस की तीन विशेष टीमें गठित की हैं।क्या खानपान में नशा देकर किया गया दुष्कर्म?
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, बच्ची के साथ पहली बार दुष्कर्म किया गया, जिससे ब्लीडिंग हुई। लेकिन संघर्ष के कोई निशान नहीं मिले, जिससे शक गहराता है कि उसे खाने-पीने की चीज में नशीला पदार्थ मिलाकर बेहोश किया गया। इसके बाद निर्दयता से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी गई।एसएसपी अनुराग आर्य का बयान
“बच्ची के माता-पिता शव लेकर गांव चले गए हैं, लेकिन पुलिस उन्हें शिकायत दर्ज कराने के लिए बुला रही है। चूंकि शरीर पर संघर्ष के कोई निशान नहीं हैं, इसलिए करीबी या जान-पहचान वाले ही शक के दायरे में हैं। कुछ अहम सबूत मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है। मामले के जल्द खुलासे के लिए एसओजी और सर्विलांस समेत तीन टीमें तैनात की गई हैं।”– अनुराग आर्य, एसएसपी, बरेली