कोतवाली के सिविल लाइंस निवासी प्रमोद कुमार पुत्र स्वर्गीय द्वारिका प्रसाद ने बताया कि उनकी पहचान फेसबुक के जरिए मिताली गुप्ता नाम की महिला से हुई। मिताली ने खुद को फरीदाबाद (हरियाणा) के सेक्टर-38 की निवासी बताया। जल्द ही दोनों में व्हाट्सएप पर बातचीत शुरू हो गई। मिताली ने भावुक होकर कहा कि उसकी कोई सगा भाई नहीं है, इस पर प्रमोद ने भी बताया कि उनकी कोई बहन नहीं है। दोनों ने व्हाट्सएप पर एक-दूसरे को ‘दीदी’ और ‘भैया’ कहना शुरू कर दिया।
पहली बार में फायदा दिखाकर जीता भरोसा
कुछ दिन बाद मिताली ने प्रमोद को बताया कि वह इंटरनेशनल ट्रेडिंग करती है, जिससे बड़ा फायदा होता है। पहले तो प्रमोद ने मना किया लेकिन बहन के विश्वास पर उन्होंने सहमति दे दी। महिला ने एक लिंक भेजा और उसमें रजिस्ट्रेशन व आधार कार्ड अपलोड करने को कहा। इसके बाद उसने एक खाते में 50 हजार जमा कराने को कहा। प्रमोद ने रुपये बैंक खाते में जमा किए। महिला ने ट्रेडिंग कर 6 हजार का लाभ दिखाया और 51 हजार रुपये वापस भी कर दिए।
झांसे में आए युवक ने दो बार में ट्रांसफर किए रुपये
भरोसा पक्का हुआ तो प्रमोद ने 1.5 लाख फिर उसी खाते में भेज दिए। इसके अलावा 50 हजार महाराष्ट्र के एक अन्य खाते में ट्रांसफर किए। ट्रेडिंग के नाम पर महिला लगातार मुनाफे के आंकड़े भेजती रही, लेकिन जब प्रमोद ने 1 लाख वापस मांगने की बात कही तो मिताली ने और पैसा डालने की शर्त रख दी। इसके बाद उसने जवाब देना बंद कर दिया। प्रमोद को तब ठगी का अहसास हुआ। बिथरी पुलिस ने मामला दर्ज कर साइबर सेल की मदद से जांच शुरू कर दी है।