बैठक में साफ कहा गया कि इस बार खुले में कुर्बानी नहीं होगी। इसके अलावा प्रतिबंधित पशुओं की कुर्बानी पर भी पूरी तरह पाबंदी रहेगी। साथ ही सोशल मीडिया पर कुर्बानी के फोटो और वीडियो शेयर करने पर भी सख्ती से नजर रखी जाएगी।
सोशल मीडिया पर रहेगी पुलिस की नजर
अधिकारियों ने कहा कि कुर्बानी चिन्हित स्थानों पर ही हो और बच्चों को समझाया जाए कि वे कोई वीडियो न बनाएं और न ही उसे इंटरनेट पर डालें। साथ ही कुर्बानी के बाद जानवरों के अवशेष खुले में न फेंके जाएं बल्कि जमीन में दबा दिए जाएं। नगर निगम की ट्रॉलियां इन अवशेषों को इकट्ठा करेंगी और जरूरत पड़ने पर दूसरी बार भी इलाके में भेजी जाएंगी।
डीएम और एसएसपी ने दिए सख्त निर्देश
डीएम अविनाश सिंह ने कहा त्योहारों का मकसद भाईचारा बढ़ाना है। हमें गंगा-जमुनी तहज़ीब को कायम रखना है। किसी भी तरह की शरारत या कानून तोड़ने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एसएसपी अनुराग आर्य ने भी सख्त लहजे में कहा कि परंपरागत जगहों पर ही नमाज पढ़ी जाए और कुर्बानी उसी जगह पर दी जाए जो पहले से तय हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अगर किसी को कोई जानकारी देनी है लेकिन वह अपनी पहचान छिपाना चाहता है तो हेल्पलाइन पर कॉल कर सकता है उसका नाम गुप्त रखा जाएगा।
नगर निगम की तैयारियां
नगर आयुक्त संजीव मौर्य ने कहा कि नगर निगम की तरफ से तीनों दिन साफ-सफाई, पानी और बिजली की व्यवस्था पुख्ता रहेगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि कुर्बानी के अवशेष नालियों या सड़कों पर न फेंके जाएं। बैठक में एडीएम पूर्णिमा सिंह, नगर मजिस्ट्रेट अलंकार अग्निहोत्री, एसपी सिटी मानुष पारीक, एसपी देहात मुकेश चंद्र मिश्र, एसपी साउथ अंशिका वर्मा सहित तमाम अधिकारी और पीस कमेटी के सदस्य मौजूद रहे।