पहली कॉलोनी का निर्माण अश्वनी शर्मा द्वारा करीब 2000 वर्गमीटर जमीन पर किया जा रहा था। यहां बिना किसी मंजूरी के सड़क, बाउंड्री वॉल और प्लॉट्स का नक्शा खींचा जा चुका था। दूसरी कॉलोनी नवनीत अग्रवाल द्वारा नकटिया नदी के किनारे लगभग 6000 वर्गमीटर क्षेत्र में बसाई जा रही थी। यहां भी बिना विकास प्राधिकरण की अनुमति के तेजी से निर्माण कार्य चल रहा था।
बुलडोजर लेकर पहुंची टीम, मिटा दिया अवैध निर्माण
कार्रवाई के दौरान टीम में अवर अभियंता अजीत कुमार, सीताराम, बौद्धमणि गौतम, संयुक्त सचिव दीपक कुमार और अन्य अधिकारी शामिल थे। पुलिस बल की मौजूदगी में दोनो स्थानों पर बुलडोजर चलाया गया। सड़कों, बाउंड्रीवाल और चिन्हित भूखंडों को ध्वस्त कर दिया गया। इस दौरान क्षेत्र के लोगों की भीड़ भी जमा हो गई, लेकिन टीम ने किसी को निर्माण स्थल के पास नहीं फटकने दिया। देखते ही देखते दोनों जगहों पर बने तमाम अवैध निर्माण मलबे में तब्दील हो गए।
आम लोगों को चेतावनी: नक्शा स्वीकृति जरूरी
कार्रवाई के बाद विकास प्राधिकरण ने साफ शब्दों में कहा कि बिना मानचित्र स्वीकृति के कॉलोनी बसाना, प्लॉटिंग करना या निर्माण कार्य करना पूरी तरह से गैरकानूनी है। यदि कोई भी व्यक्ति नियमों की अनदेखी करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जनता से अपील की है कि किसी भी प्लॉट या मकान को खरीदने से पहले उसकी वैधता और नक्शा स्वीकृति की जांच ज़रूर करें।