बिना पंजीकरण चल रहे थे क्लीनिक, तीन पर हुई कार्रवाई
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने कस्बा मीरगंज में डॉ. गुलिस्तां का क्लीनिक, ग्राम लभेड़ा दुर्गा प्रसाद में कुंवर सेन और ग्राम सिमरिया में मुकेश द्वारा संचालित अवैध क्लीनिकों को सील किया। इन केंद्रों पर किसी भी प्रकार का सरकारी पंजीकरण या योग्यता प्रमाणपत्र नहीं मिला। टीम में डॉ. रोहन दिवाकर, फार्मासिस्ट संदीप कटियार, अजय कुमार और धीर सिंह मौजूद रहे।
झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से गई आशा कार्यकर्ता की जान
मीरगंज के गांव बहरोली निवासी सुनीता मौर्य (45), जो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आशा कार्यकर्ता थीं, की हालत शुक्रवार दोपहर बिगड़ने पर परिजन उन्हें गांव के ही एक अवैध चिकित्सक के पास ले गए। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर ने गलत दवा और इंजेक्शन लगाया, जिससे सुनीता की तबीयत और बिगड़ गई और कुछ ही देर में मौत हो गई।
शादी के दिन झोलाछाप की लापरवाही से युवती की मौत
बहेड़ी के देवीपुरा निवासी किशन लाल की बेटी शांति की शादी 14 मई को तय थी। दोपहर में अचानक तबीयत बिगड़ने पर उसे शाहजी अल-शिफा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। वहां मौजूद डॉक्टर तसलीम अहमद उर्फ भूरा ने ग्लूकोज ड्रिप चढ़ाई, जिसके बाद शांति की हालत और बिगड़ गई। बरेली ले जाते समय रास्ते में उसकी मौत हो गई। जांच में पता चला कि अस्पताल का पंजीकरण भी नहीं था। इसके बाद हॉस्पिटल को सील कर दिया गया।
जिम्मेदारों का दावा – कार्रवाई जारी रहेगी
सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह ने बताया कि जिले में झोलाछापों पर कार्रवाई के लिए आठ टीमें गठित की गई हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि बीते सप्ताह विभागीय व्यस्तताओं के चलते सभी टीमें फील्ड में नहीं जा सकीं, लेकिन अब से सभी एमओआईसी को निर्देशित किया गया है कि वह अपने क्षेत्रों में नियमित छापेमारी करें। ”स्वास्थ विभाग की निगरानी टीमें झोलाछाप डॉक्टरों के ख़िलाफ़ काम कर रही हैं। सभी संचालकों को सलाह दी जाती है कि वे पंजीयन कराकर ही क्लिनिक संचालित करें, अन्यथा कठोर कार्रवाई की जाएगी।” डॉ. विनय कुमार पाल, चिकित्सा अधीक्षक, मीरगंज सीएचसी