पहले दी गई थी चेतावनी
जहानाबाद इंस्पेक्टर मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि 25 फरवरी को मौलवी अशफाक को सार्वजनिक स्थानों पर लाउडस्पीकर इस्तेमाल करने के लिए प्रशासन की अनुमति आवश्यक होने की जानकारी दी गई थी। इसके बावजूद 28 फरवरी की शाम और 1 मार्च की दोपहर को काजीतोला मस्जिद में नमाज और अजान के दौरान लाउडस्पीकर बजाया गया। जब पुलिस ने मौलवी से अनुमति पत्र मांगा, तो वह कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके।
प्रशासन का सख्त रुख
पुलिस प्रशासन का कहना है कि धार्मिक स्थलों पर ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए लागू नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। बिना अनुमति लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। पीलीभीत के जहानाबाद में इसको लेकर बैठक भी की गई थी कि बिना अनुमति के लाउडस्पीकर को इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। पुलिस का कहना है कि धार्मिक स्थलों पर ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन सुनिश्चित कराया जा रहा है।