👉 मुख्यमंत्री को सौंपा गया था शिकायत पत्र
नगर पालिका परिषद पीलीभीत की चेयरपर्सन डॉ. आस्था अग्रवाल ने 18 मई 2025 को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर एक लिखित शिकायत सौंपी थी। पत्र में उन्होंने नकटादाना चौराहे पर स्थित नगरपालिका के स्वामित्व वाले भवन में संचालित सपा कार्यालय को अवैध कब्जा बताते हुए उसे खाली कराने की मांग की थी।👉 शासन ने लिया संज्ञान, जांच के आदेश
मुख्यमंत्री को सौंपे गए पत्र के बाद प्रमुख सचिव, नगर विकास विभाग ने पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन को निर्देशित किया कि भवन की स्थिति की जांच कर अवैध कब्जा मुक्त कराने की रिपोर्ट शासन को भेजी जाए।👉 ईओ की रिपोर्ट बनी विवाद का कारण
प्रशासनिक कार्रवाई के तहत तत्कालीन प्रभारी अधिशासी अधिकारी (ईओ) ने अपनी आख्या तैयार कर सिटी मजिस्ट्रेट को भेज दी थी। इसी रिपोर्ट को आधार बनाकर आगे की कार्रवाई तय की गई। हालांकि, सपा जिलाध्यक्ष जगदेव सिंह जग्गा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह से मुलाकात कर ईओ की रिपोर्ट को राजनीतिक दबाव में तैयार बताया और आपत्ति दर्ज कराई थी।👉 प्रशासन ने तय की रणनीति, निष्कासन की तारीख तय
सभी आपत्तियों और तथ्यों की समीक्षा के बाद सिटी मजिस्ट्रेट विजय वर्धन तोमर और एसडीएम आशुतोष गुप्ता ने संयुक्त रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेज दी। इसके बाद नगर पालिका की ओर से 10 जून को भवन को खाली कराने की तिथि घोषित कर दी गई। संबंधित पक्ष को नोटिस जारी कर सूचित कर दिया गया है।👉 अधिकारी मौन, कार्रवाई के दिन प्रशासन सतर्क
हालांकि वर्तमान अधिशासी अधिकारी इस मामले में सार्वजनिक रूप से टिप्पणी करने से बच रहे हैं, लेकिन प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार 10 जून को निष्कासन की कार्रवाई पुलिस बल की मौजूदगी में की जाएगी। ऐसे में सपा कार्यकर्ताओं की संभावित प्रतिक्रिया को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।📅 कार्रवाई की तिथि: 10 जून 2025
📝 शिकायतकर्ता: डॉ. आस्था अग्रवाल, चेयरपर्सन, नगर पालिका परिषद
🚨 प्रतिवादी पक्ष: समाजवादी पार्टी, जिला कार्यालय
📋 रिपोर्टिंग अधिकारी: सिटी मजिस्ट्रेट विजय वर्धन तोमर, एसडीएम आशुतोष