वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतें और लापरवाही
ग्राम पंचायतों में प्रधान और सचिव के गठजोड़ से होने वाली वित्तीय अनियमितताओं को लेकर लगातार शिकायतें सामने आ रही थीं। जिलाधिकारी तक पहुंचने वाली इन शिकायतों की जांच के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों और अभियंताओं को नामित किया गया था। हालांकि, अधिकांश जांच समय पर पूरी नहीं की गईं।
63 लंबित जांच पर नाराजगी
डीएम ने पाया कि 63 मामले अब भी लंबित हैं। इस पर सख्त रुख अपनाते हुए उन्होंने संबंधित नौ जिलास्तरीय अधिकारियों और 16 अभियंताओं का वेतन रोकने के आदेश दिए। इसके साथ ही कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। जिला कृषि रक्षा अधिकारी श्याम नरायण राम पर सात और मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अरविंद कुमार पर छह जांच पेंडिंग पाई गईं। डीएम ने अधिकारियों को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि जांच रिपोर्ट साक्ष्य सहित न मिलने पर उनके खिलाफ शासन से कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी।
लापरवाही पर सख्ती, अधिकारियों में हड़कंप
डीएम ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया है कि जांच आख्या स्पष्ट और साक्ष्य के साथ होनी चाहिए। इसके बावजूद, कई अधिकारियों ने लंबे समय से जांच पूरी नहीं की है और विभिन्न बहानों से इसे टाल रहे हैं। डीएम के सख्त आदेश के बाद जिले में अधिकारियों के बीच हड़कंप मच गया है। बैठक के दौरान बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद मामले को दबाने की प्रवृत्ति पर जिलाधिकारी ने गहरी नाराजगी जताई।