ई-वे बिल पर करोड़ों की सिगरेट और पान मसाला, लेकिन ट्रक निकला खाली
जांच में सामने आया कि 12 जुलाई को कंपनी ने 6.31 करोड़ की सिगरेट दिल्ली से बरेली आने का ई-वे बिल काटा, लेकिन ट्रक में कोई माल नहीं था।13 जुलाई को फिर उसी ट्रक से 94.82 लाख का रजनीगंधा दिल्ली भेजने का बिल बनाया, पर यह ट्रक भी खाली निकला।
नोएडा की सचल टीम ने 14 जुलाई को बुलंदशहर के पास टोल प्लाजा पर गाड़ी को पकड़ लिया, जिससे पुष्टि हो गई कि ये पूरा नेटवर्क केवल कागजों पर कारोबार कर रहा था।
केवल कागजों पर चलता था कारोबार, दिल्ली की फर्जी कंपनियों से लेन-देन
डिप्टी कमिश्नर अनिरुद्ध सिंह के अनुसार, यह कंपनी दिल्ली की फर्जी फर्मों से इनवॉइसिंग कर आईटीसी रिफंड ले रही थी।ऑनलाइन ट्रैकिंग से बचने के लिए ट्रकों को टोल प्लाजा से गुजारा जाता था, ताकि सिस्टम में एंट्री बनी रहे।
छापे में यह साफ हुआ कि कंपनी का संचालन कागजों तक सीमित था, वस्तुतः कोई माल नहीं आता-जाता था।
कंपनी मालिक और सहयोगी पर मुकदमा दर्ज, टैक्स चोरी में बड़ी कार्रवाई
फर्जी लेनदेन और कर चोरी की पुष्टि होने पर राज्य कर विभाग ने फर्म के डायरेक्टर युगांस बिसारिया (निवासी-रामगंगा नगर कॉलोनी) और सहयोगी गौरव अग्रवाल (निवासी-प्रेमनगर) के खिलाफ बिथरी चैनपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।मामले में अन्य फर्मों और संपर्कों की भी जांच की जा रही है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, जल्द ही इस रैकेट से जुड़े अन्य नाम भी सामने आ सकते हैं।