मंडल के पांच प्रमुख स्टेशनों- लालकुआं, काठगोदाम, रामनगर, टनकपुर और कासगंज – पर रोज 18 ट्रेनों की सफाई होती है, जबकि 34 साप्ताहिक ट्रेनों को भी नियमित रूप से साफ किया जाता है। ये सफाई कोई सामान्य झाड़ू-पोंछा नहीं, बल्कि हाईटेक मशीनों से होती है। खासतौर पर टॉयलेट की सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाता है। वहां जेट वैक्यूम बफिंग से क्लीनिंग और कीटाणु मुक्त करने का काम किया जाता है।
सफर के बीच भी मांगने पर मिलेगी सफाई
ट्रेन में गंदगी हो जाए और सफाई चाहिए? अब यात्री सफर के बीच ही सफाई कर्मचारी को बुला सकते हैं। इसके लिए रेलवे ने 139 हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। इज्जतनगर मंडल की 32 ट्रेनों में ऑन बोर्ड हाउसकीपिंग सर्विस मौजूद है। सफाईकर्मी हर वक्त ट्रेनों में उपलब्ध रहते हैं और उनके पास सफाई से जुड़ा पूरा सामान भी होता है। जैसे वाइपर, ब्रश, केमिकल, डस्टर और डिस्पोजल बैग।
कूड़ा भी होगा सही जगह डिस्पोज
रेलवे अब गाड़ियों से निकलने वाले कचरे को भी बेतरतीब नहीं छोड़ता। सफाई के बाद जो कचरा निकलता है उसे गारबेज बैग में भरकर नामित क्लीन ट्रेन स्टेशन पर उतारा जाता है। वहां से उसे सीधे कचरा निस्तारण केंद्र भेजा जाता है। इसी तरह ट्रेन के गंतव्य स्टेशन पर पहुंचने के बाद भी सफाई कर गारबेज डिस्पोजल किया जाता है। रेलवे का दावा है कि यह पहल यात्रियों को न केवल बेहतर सफर का अनुभव देगी, बल्कि स्वच्छता के स्तर को भी नई ऊंचाई तक ले जाएगी।