ओक इंफ्रा डवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक माडल टाउन के रहने वाले सर्वजीत सिंह ने 24 दिसंबर 2022 को भोजीपुरा थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप था कि खुर्शीद खां और उसके साथियों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर उनकी जमीन पर कब्जे की साजिश रची और उनसे रंगदारी मांगी। खुर्शीद ने पिछले साल फर्जी जमीन के कागजात बनवाकर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया था, जिसके चलते उन्हें फर्जी केस में जेल जाना पड़ा था।
बिलवा में 5.7650 हेक्टेयर जमीन पर कब्जे की साजिश
बिल्डर ने बताया कि उनकी कंपनी और सहयोगी कंपनी मैसर्स सरस्वती पैडी प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने 15 नवंबर 2011 को ग्राम बिलवा में 5.7650 हेक्टेयर जमीन खरीदी थी। यह जमीन आलोक कुमार गोयल, जो स्वर्गीय जय प्रकाश उर्फ जगदीश के इकलौते वारिस हैं, से खरीदी गई थी। वर्तमान में इस जमीन पर बरेली विकास प्राधिकरण द्वारा प्रमाणित कॉलोनी का निर्माण किया जा रहा है।
2010 में फर्जी जय प्रकाश के नाम पर कराया गया था बैनामा
मंजू गंगवार और अंजू गंगवार ने जय प्रकाश उर्फ जगदीश नाम के एक फर्जी व्यक्ति के नाम पर 31 अक्टूबर 2010 को जमीन का बैनामा करा लिया था। इस फर्जीवाड़े के खिलाफ 16 जनवरी 2011 को कोतवाली बरेली में एफआईआर दर्ज हुई थी। जिसमें यह साबित हो चुका था कि असली जय प्रकाश की मृत्यु 1983 में हो चुकी थी। उनके बेटे आलोक कुमार गोयल ही जमीन के असली मालिक हैं। इसके बावजूद मंजू और अंजू ने फर्जी एग्रीमेंट के जरिए सर्वजीत की कंपनी से पैसे ऐंठने की कोशिश जारी रखी।
जेसीबी से तोड़ीं दीवारें, स्टाफ पर हमला
17 अक्टूबर 2022 को खुर्शीद खां, भुक्सा, भूरा, मोमिन खां, भूरा खां और बाबू ने सर्वजीत की कॉलोनी “अर्बन वाटिका” में घुसकर गार्ड और कर्मचारियों को धमकाया। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने मंजू और अंजू गंगवार से जमीन का 1/3 हिस्सा एग्रीमेंट पर लिया है। इसके बाद आरोपियों ने 80 लाख रुपये की रंगदारी मांगी और धमकी दी कि अगर पैसा नहीं दिया तो कॉलोनी का काम बंद करवा देंगे और लाशों का ढेर लगा देंगे। 21 दिसंबर 2022 को खुर्शीद खां और उसके 20-25 साथी डंडों, अवैध हथियारों और जेसीबी के साथ कॉलोनी में घुसे। उन्होंने दीवारें तोड़ दीं और कर्मचारियों से मारपीट की। इस मामले में मंजू गंगवार, अंजू गंगवार फरार हैं।