राज्य सरकार ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों को छोड़ शेष शिक्षक वर्ग वरिष्ठ अध्यापक, व्याख्याता और प्रधानाचार्य के स्थानांतरण ग्रीष्मकालीन अवकाश में करने की बात कही थी। शिक्षा मंत्री ने यह बात कही जिसके बाद शिक्षक वर्ग छुट्टियों का इंतजार कर रहा था। 16 मई से अवकाश आरंभ हुए तो स्थानांतरण के इच्छुक शिक्षक दौड़ धूप में लग गए। हालांकि तबादलों की सुगबुगाहट तेज होती नजर नहीं आ रही है। भाजपा विधायकों ने आवेदन मांगे हैं। शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने भी जल्द तबादले पर बैन खोलने की ओर इशारा किया है।
बीच सत्र में तबादले होने पर आती दिक्कत
शिक्षक वर्ग के अनुसार जब सत्र शुरू हो जाता है तो तबादले होने पर शिक्षण व्यवस्था प्रभावित होती है। क्योंकि बीच सत्र शिक्षक इधर-उधर होने से कहीं पद खाली हो जाएंगे जिसका असर पढ़ाई पर पड़ेगा। ऐसे में ग्रीष्मावकाश में ही तबादले होते हैं।
करीब सवा लाख शिक्षक जोह रहे बाट
गौरतलब है कि वर्तमान में 67349 वरिष्ठ अध्यापक, 45763 व्याख्याता और दस हजार से ज्यादा प्रिंसिपल कार्यरत है जिसके तबादले होने हैं। इनमें से काफी जने तबादले करवाने को इच्छुक है। सरकार करे वादा पूरा- सरकार की ओर से शिक्षा मंत्री ने तबादले करने की बात कही थी। अब ग्रीष्मावकाश चल रहा है जिस पर सरकार वादा पूरा कर तबादले करे। –छगनसिंह लूणू, प्रदेशाध्यक्ष राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम प्राथमिक
वर्तमान सरकार गठन के बाद शिक्षा विभाग के अलावा अन्य सभी विभागों में तबादले हो चुके है। अत: शिक्षा विभाग में भी तृतीय श्रेणी शिक्षकों के अलावा प्रधानाचार्य, व्याख्याता, वरिष्ठ अध्यापक सहित अन्य संवर्ग के कर्मचारी तबादलों का इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में विभाग तबादलों के इच्छुक शिक्षकों से शाला दर्पण से ऑनलाइन आवेदन लेकर ग्रीष्मावकाश में स्कूल खुलने से पूर्व आवश्यकतानुसार तबादले करे।
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बसन्त कुमार जाणी, प्रदेश प्रवक्ता, राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ रेस्टा