Kushboo Kanwar Rajpurohit: बालोतरा। खुशबू विदाई के वक्त परिवार से दूर होने पर जितनी नहीं रोई थी, उतना आज पूरा परिवार उसकी अंतिम विदाई पर रो रहा है। आंसू हर उसके आंखों से बह रहे है जो उसका वीडियो देख रहा है। प्लेन में बैठते ही खुशबू ने पति विपुल को कहा था, आ रही हूं, उस एक वाक्य को कई बार पढ़कर पति फूट-फूटकर रोया है।
पिता मदनसिंह ने बेटी के लंदन रवानगी की खुशी में लिखा था, मेरी बेटी लंदन जा रही है..खुश रहो बेटा..पिता को अब ये शब्द बार-बार रोने को मजबूर कर हैं। मां यह याद कर रूलाई नहीं रोक पा रही कि प्लेन में बैठने से पहले खुशबू ने कहा, मां म्है जाऊं…और वो इतनी दूर चली गई कि अब कभी नहीं लौटेगी। पूरा आराबा गांव शोक में डूबा है। खुशबू गांव की होनहार और लाड़ प्यार से पली बेटी थी।
पिता ने जनवरी में बेटी के हाथ पीले किए तो खाराबेरा के होनहार, पढ़े लिखे और काबिल दामाद को तो ढूंढा ही परिवार भी ऐसा तलाशा कि रानी की तरह पली बेटी को कोई दु:ख न हों। पलकों पर बैठाकर बड़ी की अपनी बेटी को मदन ने जब विपुल के हाथ में हाथ दिया तो कहा, मैने नाजों से पाला है। दोनों परिवारों में बिखर रही इन खुशियों में यह तय हुआ कि विपुल-खुशबू साथ रहे, इसलिए लंदन भेजें। बेटी के पांवों में पंख लग गए कि अब पिया के पास जाऊंगी। मदन सिंह ने करीब 9.38 बजे बोर्डिंग के लिए बेटी को अहमदाबाद के एयरपोर्ट पर छोड़ा।
मदन सिंह इत्मीनान से आराबा के लिए रवाना होकर अभी मेहसाणा तक ही पहुंचे थे कि खबर आ गई कि प्लेन क्रेश हो गया। मेहसाणा से वापस अहमदाबाद का यह सफर मदन का जी जानता है कि कैसे किया वह जब पहुंचा तो दृश्य देखकर समझ गया, खुशूबू….जा चुकी थी और उसके हिस्से छोड़ गई रूलाई। शुक्रवार की शाम तक पूरा परिवार अहमदाबाद में रोते-बिलखते इस इंतजार में है कि उन्हें खूशबू का शव दे दे।