Barmer Shravan Kumar Success Story: श्रवण के पिता शादी-ब्याह जैसे आयोजनों में बर्तन धोने का काम करते हैं। उनके घर में ना तो पक्की छत थी, और ना ही वो सुविधाएं जो एक मेडिकल की तैयारी करने वाले छात्र को मिलती हैं।
बाड़मेर•Jun 15, 2025 / 10:02 am•
JAYANT SHARMA
कच्ची झोपड़ी और परिवार के साथ श्रवण कुमार, मिठाई खिलाते संस्था के पदाधिकारी, फोटो – पत्रिका
Hindi News / Barmer / कच्ची झोपड़ी से डॉक्टर बनने का सपना पूरा: बर्तन धोने वाले पिता का बेटा NEET में हुआ चयनित, संस्था ने फ्री पढ़ाया