राजस्थान के बाड़मेर में उपखण्ड अधिकारी सेड़वा को 17 सीसीए के तहत जिला कलक्टर ने चार्जशीट थमाई। एसडीएम ने चिकित्सा संगठनों से लिखित में माफी मांगी। तय हुआ कि भविष्य में अधिकारी चिकित्सकों के खिलाफ सौहार्दपूर्ण व्यवहार रखेंगे। निरीक्षण के दौरान अभद्र भाषा व्यवहार का प्रयोग नहीं होगा।
चिकित्सा संगठनों की शर्तें स्वीकार होने के बाद कलक्टर टीना डाबी के कक्ष में अतिरिक्त जिला कलक्टर राजेन्द्र सिंह चांदावत की उपस्थिति में सेड़वा एसडीएम बद्रीनारायण विश्नोई और डॉक्टर रामस्वरूप रावत प्रकरण में उत्पन्न गतिरोध समाप्त हो गया। चिकित्सक संगठनों ने प्रकरण को समाप्त करते हुए कार्य बहिष्कार को वापस लेने की घोषणा की। उपखण्ड अधिकारी सेड़वा ब्रदीनारायण विश्नोई के करीब दस दिन पहले सेड़वा में निरीक्षण के दौरान चिकित्सक के साथ किए गए व्यवहार से चिकित्सा संगठन गुस्साए हुए थे।
लिखित में मांगी माफी
लगातार मांग की जा रही थी कि प्रशासन एसडीएम के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाए। इसको लेकर सोमवार को भी चिकित्सकों ने विरोध प्रदर्शन किया। मंगलवार को कार्य बहिष्कार की घोषणा की थी। सोमवार दोपहर बाद बाड़मेर कलक्टर कक्ष में वार्ता हुई। इसमें उपखण्ड अधिकारी बद्रीनारायण विश्नोई ने लिखित में माफी मांगी। साथ ही जिला कलक्टर ने एसडीएम के खिलाफ 17 सीसीए के तहत चार्जशीट दी। अन्य मांगों पर सहमति बनने के बाद दोनों को जिला कलक्टर ने साथ बैठाकर समझौता करवाया।
वार्ता से चिकित्सक संतुष्ट
सेवारत चिकित्सक संघ बाड़मेर के जिलाध्यक्ष डॉ. जोगेश चौधरी ने बताया कि सभी मांगों पर सहमति बन गई है। इस प्रकरण में संगठन की कार्यवाही अपेक्षित नहीं है। इसके साथ ही बाड़मेर-बालोतरा जिले के चिकित्सकों द्वारा मंगलवार को ओपीडी का बहिष्कार करने के आह्वान को वापस ले लिया गया है। सभी चिकित्सक वार्ता से संतुष्ट हैं और पूर्व की तरह यथावत कार्य करते रहेंगे।
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एसडीएम को किया पाबंद
भविष्य में इस तरह का कृत्य नहीं करने के लिए पाबंद किया गया। जिला कलक्टर ने एडीएम को पत्र जारी कर जिले भर में भविष्य में कोई भी अधिकारी अस्पताल व सरकारी कार्यालयों का निरीक्षण करने के दौरान गरीमा बनाए रखें। इसके अलावा डॉ. रामस्वरूप अपनी इच्छानुसार बाड़मेर जिले में कहीं पर प्रतिनियुक्ति करवा सकते हैं, साथ ही खुद चाहें तो सेड़वा में भी सेवाएं दे सकते हैं।