ड्रेन सिस्टम से समाधानट्रीटमेंट प्लांट के अतिरिक्त अधिशेष पानी को सीधे नदी में डालने की बजाय जोधपुर, पाली, बालोतरा, बिठूजा और जसोल को जोड़ने वाला एक ड्रेन सिस्टम बनाया जा सकता है। यह ड्रेन सिस्टम प्रदूषित पानी को कच्छ की खाड़ी तक ले जाएगा, जिससे बीच के खेत-खलिहान और नदी की जमीन नुकसान से बच जाएगी।कैसे होगा यह इंतजाम
बाड़मेर में 2003 में मंगला ऑयल फील्ड की खोज हुई। 2009 में तेल उत्पादन शुरू हुआ और गुजरात के जामनगर तक हिटिंग पाइपलाइन बनाई गई। इस पाइपलाइन में हिटिंग सिस्टम भी है, जिससे तेल को गर्म रखा जाता है। वर्ष 2009 से अब तक करीब 16 वर्षों से यह तेल रिफाइनरी तक पहुंच रहा है। इसी तर्ज पर प्रदूषित पानी के लिए ड्रेन सिस्टम बने तो उसका प्रवाह भी निरंतर बना रहेगा।यह हो रहा है नुकसान
– जोधपुर की इकाइयों से निष्कासित पानी से धवा, डोली, आराबा, कल्याणपुर में हालात गंभीर- पाली की इकाइयों से निस्तारित पानी समदड़ी क्षेत्र के गांवों को नुकसान पहुंचा रहा – बालोतरा, बिठूजा, जसोल की इकाइयों से निकला पानी बालोतरा से गुड़ामालानी-गांधव तक नुकसान कर रहाहमने प्रस्ताव भेजा है
राज्य सरकार को इस आशय का प्रस्ताव लघु उद्योग भारती की ओर से दिया गया है, जिसमें ड्रेन सिस्टम बनाकर उद्योगों की इस समस्या से निजात पाई जा सकती है। इससे राज्य सरकार के लिए प्रदूषण की समस्या का समाधान होगा और उद्योगों को भी संजीवनी मिलेगी।- शांतिलाल बालड, प्रदेश अध्यक्ष, लघु उद्योग भारती