भाजपा के 15 में से 11 सदस्य, फिर भी नहीं बना पाए प्रधान
गौरतलब है कि कल्याणपुर पंचायत समिति में कुल 15 सदस्य हैं, जिनमें 11 भाजपा और 4 कांग्रेस से हैं। इसके बावजूद भाजपा को अंतर्कलह का खामियाजा भुगतना पड़ा। निर्दलीय श्रवण सिंह को कांग्रेस के चार और भाजपा के छह असंतुष्ट सदस्यों का समर्थन मिला, जिससे उन्हें कुल 10 मत मिले, जबकि भाजपा प्रत्याशी मोहनसिंह को केवल पांच मत ही प्राप्त हो सके।
सुबह नामांकन दोपहर को चुनाव
मंगलवार सुबह 11 बजे नामांकन में दो प्रत्याशियों भाजपा से मोहनसिंह राजपुरोहित व निर्दलीय श्रवण सिंह राजपुरोहित ने अपना नामांकन भरा। ऐसे में भाजपा के पदाधिकारियों ने नामांकन वापसी तक समझाइश जारी रखी। लेकिन निर्दलीय श्रवण सिंह राजपुरोहित के नाम वापस नहीं लेने पर दोपहर तीन बजे चुनाव प्रकिया शुरू हुई। मतदान में दोनों प्रत्याशी सहित सभी समिति सदस्यों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। ऐसे में चुनाव परिणाम में निर्दलीय श्रवण सिंह राजपुरोहित के विजयी होने पर पूर्व विधायक मदन प्रजापत ने गले मिलकर बधाई दी। वहीं इस जीत में कल्याणपुर सरपंच दोलाराम कुआं ने अहम भूमिका निभाते हुए पूरे चुनाव में रणनीतिक मोर्चा संभाले रखा। भाजपा को प्रत्याशी चयन भारी पड़ा
ग्रामीणों के अनुसार भाजपा की हार के पीछे प्रमुख वजह पार्टी के भीतर मचे घमासान को माना जा रहा है। उन्होंने बताया कि 11 सदस्यों की बिना सामूहिक सहमति के कृष्णा कंवर को प्रधान पद का दावेदार घोषित करना कई कार्यकर्ताओं को नागवार गुजरा। इसके चलते बालोतरा क्षेत्र के कुछ प्रभावी नेताओं के दबाव में प्रत्याशी चयन करना भाजपा को भारी पड़ा। वहीं स्थानीय राजनीति में इस परिणाम को भाजपा के भीतर असंतोष और शक्ति संतुलन के बिगड़ने के रूप में देखा जा रहा है। ऐसे में कल्याणपुर में अब कांग्रेस समर्थित निर्दलीय प्रधान के रूप में श्रवण सिंह राजपुरोहित ने कमान संभाल ली है।