scriptCG News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में आज भी है शाकाहारी डायनासोर का खाना, पहाड़ियों पर फैला पांच सौ साल पुराना | Vegetarian dinosaurs still have food in Bastar, Chhattisgarh | Patrika News
बस्तर

CG News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में आज भी है शाकाहारी डायनासोर का खाना, पहाड़ियों पर फैला पांच सौ साल पुराना

CG News: तीस हजार वर्ष पहले पृथ्वी पर प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले ये वृक्ष अब विलुप्त हो चुके हैं, लेकिन कभी शाकाहारी डायनासोर के लिए महत्वपूर्ण मोजन स्रोत थे।

बस्तरJul 19, 2025 / 02:39 pm

Love Sonkar

CG News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में आज भी है शाकाहारी डायनसोर का खाना, पहाड़ियों पर फैला पांच सौ साल पुराना पेड़,

जुरासिक काल के फर्न वृक्ष (Photo Dantewada Book)

CG News: छत्तीसगढ़ के बैलाडीला की पहाड़ियों में आज भी जुरासिक काल के फर्न वृक्ष मौजूद हैं, जो प्राचीन रहस्यों को संजोए हुए हैं। तीस हजार वर्ष पहले पृथ्वी पर प्रचुर मात्रा में पाए जाने वाले ये वृक्ष अब विलुप्त हो चुके हैं, लेकिन कभी शाकाहारी डायनासोर के लिए महत्वपूर्ण मोजन स्रोत थे। बैलाडीला इस प्राचीन काल की एक झलक प्रदान करता है, जहां लोग प्रागैतिहासिक पौधों को देख सकते हैं।
CG News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में आज भी है शाकाहारी डायनसोर का खाना, पहाड़ियों पर फैला पांच सौ साल पुराना पेड़,
जैव विविधता से भरपूर बस्तर के वनांचल में प्रकृति के कई रहस्य दबे हुए हैं। बैलाडीला पहाड़ पर कई विलुप्त प्रजाति के पादप और जीव जंतु पाए जाते हैं। इसी पहाड़ी के घने जंगलो में जुरासिक युग के ट्री फर्न के पौधे पाए जाते हैं। विलुप्ति के कगार पर खड़ा यह पौधा लाखों बरस पहले डायनोसोर का मुख्य आहार था।
CG News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में आज भी है शाकाहारी डायनसोर का खाना, पहाड़ियों पर फैला पांच सौ साल पुराना पेड़,
ट्री फर्न एक प्राचीन पौधा हैं जो फर्न की एक विशेष श्रेणी में आते हैं और आज भी पृथ्वी पर जीवित “जीवाश्म पौधों” के रूप में मौजूद हैं। ये पौधे जुरासिक काल (लगभग 201 से 145 मिलियन वर्ष पहले) में बहुतायत में पाए जाते थे, और आज भी कुछ प्रजातियाँ जंगलों में पाई जाती हैं — विशेषकर उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में।
दस फीट का पौधा बनने में लगते हैं तीन सौ वर्ष

ट्री फर्न का वैज्ञानिक नाम क्याथेल्स है। यह लेप्टोसपोसेंगिएट फर्न है। ट्री फर्न में जड़, तना व पत्ता होता है पर फूल नहीं लगता। इसकी पत्तियां लंबी, नुकीली व कोमल होती हैं। इस पौधे का विकास बेहद धीमी गति से होता है। इन्हें आठ से दस फीट लंबा होने में दो से तीन सौ साल लग जाते हैं।
बैलाडीला में पाए गए ट्री फर्न पांच सौ साल पुराने

बैलाडीला में पाए गए ट्री फर्न करीब पांच सौ साल पुराने हैं और 20 फीट तक लंबे हैं, जो वृक्ष का रूप ले चुके हैं। बैलाडीला में ट्री फर्न के 327 पौधे हैं। बचेली वन परिक्षेत्र के कंपार्टमेंट नंबर तीन व चार के करीब 33 हेक्टेयर क्षेत्र में ट्री फर्न के पौधे मिलते हैं। बचेली के रेंज अफसर अशोक सोनवानी के मुताबिक बचेली के गली नाला व राजा बंगला नाला क्षेत्र में ट्री फर्न पाए जाते हैं। यह नम स्थलों पर पाई जाने वाली पादप प्रजाति है। इनके संरक्षण के लिए वन विभाग उन जगहों पर नमी क्षेत्र का विकास कर रहा है।
डायनसोर का मुख्य आहार था यह पौधा

छत्तीसगढ़ का बस्तर संभाग घने जंगलों के लिए खास पहचान रखता है। दंतेवाड़ा जिले की बैलाडीला पहड़ियों में आज भी जुरासिक काल का ट्री फर्न का पौधा मौजूद है। जैव विविधता से भरपूर बस्तर के वनांचल में प्रकृति के कई रहस्य दबे हुए हैं। बैलाडीला पहाड़ पर कई विलुप्त प्रजाति के पादप और जीव जंतु पाए जाते हैं। इसी पहाड़ी के घने जंगलो में जुरासिक युग के ट्री फर्न के पौधे पाए जाते हैं। विलुप्ति के कगार पर खड़ा यह पौधा लाखों बरस पहले डायनोसोर का मुख्य आहार था।

Hindi News / Bastar / CG News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में आज भी है शाकाहारी डायनासोर का खाना, पहाड़ियों पर फैला पांच सौ साल पुराना

ट्रेंडिंग वीडियो