ओवरटेक कर दबंगों ने रोकी कार, नीचे गिराकर करने लगे पिटाई
उन्होंने बताया कि रास्ते में एक कार ने उनकी गाड़ी को ओवरटेक कर जबरन रोक लिया। गाड़ी रुकते ही दूसरी कार से भास्कर, पुत्र नागेंद्र सिंह, और उसके 4-5 साथियों ने उतरकर शाखा प्रबंधक पर अचानक हमला कर दिया। हमलावरों ने पहले गाड़ी का गेट खोलकर शाखा प्रबंधक को नीचे खींचा और फिर लाठी, डंडे व लोहे की रॉड से मारपीट शुरू कर दी। प्रबंधक ने जान बचाने की कोशिश की, लेकिन हमले में उनका हाथ टूट गया और शरीर पर कई गंभीर चोटें आईं।
जेब में रखा 11 हजार रुपया भी लूट कर फरार
उन्होंने बताया कि हमलावरों ने प्रबंधक के गले से सोने की चेन छीन ली और धमकी दी कि अगर बैंक की चाभी नहीं दी तो जान से मार देंगे।प्रबंधक द्वारा इंकार करने पर, उन्हें ज़मीन पर गिराकर जेब में रखे ₹11,400 भी लूट लिए गए। इसके बाद लोहें की रॉड से बेरहमी से पीटते हुए भाग निकले।घटना की सूचना राहगीरों द्वारा पुलिस को दी गई। इसके बाद शाखा प्रबंधक को पुलिस चौकी बौकी विक्रमजोत ले जाया गया जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें सीएचसी विक्रमजोत और फिर दर्शन नगर अयोध्या रेफर किया गया।
लखनऊ के निजी अस्पताल में चल रहा है इलाज
गंभीर हालत के चलते रात करीब 2 बजे उन्हें KGMU लखनऊ ले जाया गया। वहां भी भीड़ व इलाज में दिक्कत आने के कारण उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां फिलहाल उनका इलाज जारी है।जानकारी के अनुसार मुख्य आरोपी भास्कर का पिता नागेंद्र सिंह पहले बैंक में प्राइवेट गार्ड था और बाद में कैंटीन का कार्य संभालता था। बैंकिंग कार्यों में अनियमितता पाए जाने पर शाखा प्रबंधक ने उसे कार्यमुक्त कर दिया था। माना जा रहा है कि इसी रंजिश के चलते यह हमला सुनियोजित ढंग से किया गया।
थाने में दर्ज नहीं हुआ मुकदमा, SP से मिला बैंक स्टाफ
वर्तमान में बैंक के कार्यवाहक शाखा प्रबंधक द्वारा पुलिस को लिखित तहरीर दी गई है और संबंधित धाराओं में FIR दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है। थाने पर मुकदमा न दर्ज होने से नाराज बैंक कर्मियों ने आज पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंप कर मामले में मुकदमा दर्ज कर आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।